नैनीताल से करीब 23 किलोमीटर दूर समुद्र तल से 1370 मीटर की ऊंचाई पर पर स्थित सातताल बांज के घने वृक्षों से घिरा अत्यन्त सुन्दर स्थान है। दरअसल, यह किसी एक झील का नाम न होकर सात झीलों का समूह है।
न्यूज हवेली नेटवर्क
नैनीताल में दो दिन के प्रवास के बाद भीमताल के लिए रवाना हुए तो भवाली पार करते ही टैक्सी ड्राइवर ने एकाएक पूछ लिया, “सातताल (Sattal) देखेंगे साहब? बहुत ही सुन्दर और शांत जगह है।” नैनीताल कई बार आने के बावजूद कभी सातताल जाना नहीं हुआ था। इस बार कुछ समय था तो ड्राइवर को हां बोल दिया और महरा गांव से टैक्सी सातताल की ओर मुड़ गयी। भीमताल मार्ग की तुलना में इस सड़क पर हरितिमा ज्यादा थी और वाहनों का शोरगुल काफी कम। (Sattal: A picturesque tourist spot in Nainital surrounded by oak trees)
नैनीताल से करीब 23 किलोमीटर दूर समुद्र तल से 1370 मीटर की ऊंचाई पर पर स्थित सातताल (Sattal) बांज के घने वृक्षों से घिरा अत्यन्त सुन्दर स्थान है। दरअसल, यह किसी एक झील का नाम न होकर सात झीलों का समूह है जिसमें नल-दयमन्ती ताल (Nal-Dayamanti Tal), रामताल, सीताताल, लक्ष्मणताल, गरुड़ताल, पूर्णताल और सूखाताल शामिल हैं। इनमें से पूर्णताल और सूखाताल के जलस्रोत मानवजनित समस्याओं के चलते सूख चुके हैं और इनमें मानसून के मौसम में ही पानी होता है। प्राकृतिक सुन्दरता और मनभावन नजारों के कारण सातताल की तुलना इंग्लैण्ड के वैस्ट्मोरलैण्ड (Westmoreland) से की जाती है ।
सातताल (Sattal) पहुंचने पर सबसे पहले आता है नल-दम्यन्ती ताल जिसका पानी कुछ पीली रंगत लिये है। यहां से कुछ आगे अमेरिकी मिशनरी स्टैनले जॉन्स का आश्रम है। इसके आगे गरुड़ ताल है जिसे कुछ लोग पन्ना ताल भी कहते हैं। यहां से आगे कुछ ढलान पर पर तीन झीलों का एक समूह है। इनको क्रमशः राम, लक्ष्मण और सीता ताल के रूप में जाना जाता है।
रत्नेश्वर महादेव मन्दिर : इसे देख भूल जाओगे पीसा की मीनार
नल-दमयन्ती ताल के पांच कोने हैं। इसकी आकृति अश्वखुर के समान और गहराई 19 मीटर है। इस क्षेत्र में प्रचलित एक जनश्रुति के कारण यहां मछलिय़ां नहीं पकड़ी जातीं। स्थानीय लोगों का मानना है कि भगवान राम, सीता और लक्ष्मण इस क्षेत्र में रहे थे। कुछ ग्रन्थों के अनुसार पाण्डव भी यहां रहे थे। भीम की पत्नी हिडिम्बा भी यहां आयी थीं। यहां पास में ही हिडिम्बा पर्वत है। सातताल से करीब 7-8 किमी की खड़ी चढ़ाई तय करके हिडिम्बा मन्दिर पहुंचा जा सकता है।
पर्यटन विभाग ने सातताल को प्रमुख सैलानी क्षेत्र घोषित किया है। यहां जगह-जगह बैठने के लिए अच्छी व्यवस्था की गयी है। सभी तालों के आसपास नाना तरह-तरह के फूलों के पौधे, लताएं और वृक्ष लगाये गये हैं। सातताल बर्ड वॉचिंग के लिए काफी मशहूर है। यहां नौकायन की अच्छी व्यवस्था है और कई तरह के वॉटर स्पोर्ट्स भी होते हैं। यहां एक प्रचीन चर्च है जो अपने शिल्प के लिए काफी प्रसिद्ध है।
ऐसे पहुंचें सातताल
वायु मार्ग : निकटतम हवाईअड्डा पन्तनगर एयरपोर्ट यहां से करीब 66 किमी है जबकि बरेली सिविल एनक्लेव लगभग 140 किमी पड़ता है।
ट्रेन मार्ग : काठगोदाम रेलवे स्टेशन यहां से करीब 32 किमी है। कोलकाता, दिल्ली और लखनऊ से काठगोदाम के लिए सीधी ट्रेन सेवा है।
सड़क मार्ग : सातताल नैनीताल से लगभग 23, भवाली से 12, महरा गांव से सात जबकि भीमताल से चार किमी दूर है।
उमनगोट : एशिया की सबसे साफ नदी जिसका पानी है क्रिस्टल क्लियर
[…] […]