कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत को लेकर गुरुवार को कांग्रेसियों ने लखनऊ में जमकर विरोध प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में बुधवार को कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान युवा कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत को लेकर गुरुवार को कांग्रेसियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया। उन्होंने पार्टी कार्यालय के मुख्य द्वार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला जलाया। इसी दौरान एनएसयूआई (NSUI) का कार्यकर्ता अक्षत सिंह आग की चपेट में आकर झुलस गया।
विरोध प्रदर्शन से पहले कांग्रेसियों ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इसमें राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पाण्डे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक, नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।
प्रभात पांडेय के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच होगी
पुलिस टीम मामले की जांच के लिए गुरुवार की सुबह कांग्रेस कार्यालय पहुंची। पुलिस ने वहां मौजूद गार्ड से पूछताछ की। साथ ही कैमरों की फुटेज चेक का कब्जे लिया। इस मौके पर डीसीपी मध्य रवीना त्यागी, एडीसीपी मनीषा सिंह, एसीपी हजरतगंज विकास जायसवाल समेत अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रभात के मोबाइल फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। यह भी जानकारी की जाएगी कि उनके साथ गोरखपुर से कौन-कौन लोग आए थे और प्रदर्शन के दौरान प्रभात के साथ कौन लोग थे। साक्ष्य संकलन के आधार पर जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बुधवार रात प्रेसवार्ता कर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि प्रभात की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। पुलिस ने नुकेले कांटों वाली बैरिकेडिंग लगा रखी थी जो घातक थी। प्रदर्शन के दौरान कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं।