News Haveli, लिस्बन। (Aga Khan IV passed away) प्रिंस करीम आगा खान चतुर्थ नहीं रहे। मंगलवार, 4 फरवरी 2025 को 88 साल की उम्र में उन्होंने अपने परिवार के बीच आखिरी सांस ली। वह महज 20 साल की उम्र में दुनिया भर के लाखों शिया इस्माइली मुसलमानों (Ismaili Muslims) के आध्यात्मिक नेता बनाए गए थे। उन्होंने इस्माइली मुसलमानों का आध्यात्मिक नेतृत्व करने के साथ ही अरबों डॉलर की मदद से विकासशील देशों में घरों, अस्पतालों और स्कूलों का निर्माण जैसे लोककल्याणकारी कार्यों के साथ एक अलग पहचान भी बनाई। (Prince Karim Aga Khan passes away at 88)
आगा खान फाउंडेशन और इस्माइली धार्मिक समुदाय ने घोषणा की कि हिज हाईनेस प्रिंस करीम अल-हुसैनी, आगा खान चतुर्थ और शिया इस्माइली मुसलमानों के 49वें वंशानुगत इमाम का मंगलवार को पुर्तगाल में निधन हो गया। फाउंडेशन ने कहा कि आगा खान के उत्तराधिकारी की घोषणा बाद में की जाएगी। उनके उत्तराधिकारी का नाम उनकी वसीयत में है जिसे सार्वजनिक किए जाने से पहले लिस्बन में उनके परिवार और धार्मिक नेताओं की उपस्थिति में पढ़ा जाएगा। इस्माइली समुदाय की वेबसाइट के अनुसार, उत्तराधिकारी को उनके पुरुष वंशजों या रिश्तेदारों में से चुना जाता है।
पैगम्बर मोहम्मद साहब के सीधे वंशज
आगा खान (Aga Khan) के परिवार को इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद का प्रत्यक्ष वंशज माना जाता है। प्रिंस करीम आगा खान उस समय 20 साल के थे जब उनके दादा ने अप्रत्याशित रूप से 1957 में अपने बेटे अली खान को दरकिनार करते हुए उन्हें उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया। उन्हें नामित करते हुए कहा गया कि नेतृत्व एक ऐसे युवा व्यक्ति को दिया जाना चाहिए, जो नए युग के बीच पला-बढ़ा हो।अपनी नियुक्ति के समय वे हार्वर्ड ग्रेजुएट थे। साल 2012 में वैनिटी फेयर मैगजीन को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, “मैं एक ग्रेजुएट था जो जानता था कि उसके जीवन के बाकी हिस्से में उसका काम क्या होने वाला है। मुझे नहीं लगता कि मेरी स्थिति में कोई भी तैयार होता।”
लोक कल्याण में लगाया जीवन
आगा खान चतुर्थ ने अपना सारा जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने आगा खान विकास नेटवर्क (AKDN) की स्थापना की, जो आज 96000 लोगों को रोजगार देता है और स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा आवास और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करता है। उनके प्रयास कई देशों में फैला जिनमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश ताजिकिस्तान समेत कई देश शामिल हैं। उन्होंने स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं और स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में निवेश किया।
इस्लामिक संस्कृति के रक्षक केरूप में बनाई पहचान
इस्लामिक संस्कृति के मूल्यों के रक्षक के रूप में आगा खान को मुस्लिम समाज और पश्चिम के बीच एक पुल के रूप में देखा जाता था। हालांकि, वे राजनीति में शामिल होने से कतराते थे। आगा खान इस्लामी कला और संस्कृति के मुखर समर्थक थे। उन्होंने वास्तुकला के लिए आगा खान पुरस्कार की स्थापना की और एमआईटी और हार्वर्ड में इस्लामी वास्तुकला कार्यक्रमों का समर्थन किया।
इस्माइली मुसलमान देते हैं आय का हिस्सा
इस्माइली समुदाय मूल रूप से भारत मे केंद्रित था लेकिन पूर्वी अफ्रीका, मध्य और दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व में एक बड़े समुदाय के रूप में फैल गया। इस्माइली मुसलमान आगा खान को अपना नेता मानते हैं और उन्हें अपनी आय का 12.5 प्रतिशत हिस्सा देना अपना फर्ज समझते हैं। आगा खान ने वैनिटी फेयर से कहा था, “हमारे पास धन इकठ्ठा करने की कोई धारणा नहीं है। इस्लामी नैतिकता यह है कि अगर ईश्वर ने आपको समाज में एक विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्ति होने की क्षमता या सौभाग्य दिया है, तो समाज के प्रति आपकी नैतिक जिम्मेदारी है।“ हालांकि, उनके वित्तीय साम्राज्य की सीमा को मापना मुश्किल है। कुछ रिपोर्टों में उनकी निजी संपत्ति अरबों में होने का अनुमान लगाया गया है।
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