राहुल गांधी काफी समय से “अडानी-अडानी” खेल रहे हैं तो उनकी बहन वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने “बैग-बैग” खेलना शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी काफी समय से “अडानी-अडानी” खेल रहे हैं तो उनकी बहन वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने “बैग-बैग” खेलना शुरू कर दिया है। सोमवार को वह फिलिस्तीन के समर्थन वाला बैग लेकर संसद भवन परिसर में पहुंची थीं। इसे लेकर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के निशाने में आने से छीछालेदर हुई तो मंगलवार को एक दूसरा बैग लेकर पहुंच गईं। इस बैग पर बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े होने की बात लिखी है। इसे बैग को कंघे पर टांगकर उन्होंने प्रेस फोटोग्राफरों को कई पोज दिए। हालांकि अपने इस नए कदम के बाद भी वे निशाने पर हैं। राजनीतिक विरोधी सवाल कर रहे हैं- कल फिलिस्तीन, आज बांग्लादेश! आखिर इस कन्प्टूजन की वजह क्या है?
दरअसल, सोमवार को प्रियंका के कंधे पर टंगे बैग पर लिखे फिलिस्तीन ने नई चर्चा छेड़ दी थी। भाजपा इसे लेकर हमला कर ही रही थी कि आज मंगलवार को प्रियंका ने उन्हें एक और मौका दे दिय़ा। देखने और बनावट में आज वाला बैग कल वाले (फिलिस्तीन) बैग जैसा ही था लेकिन इस बार संदेश दूसरा था। आज वाले बैग में लिखा था, “बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े हो”। प्रियंका गांधी के साथ कुछ सांसदों ने संसद के मकर द्वार पर बांग्लादेश के मुद्दे को लेकर प्रदर्शन भी किया। इस दौरान उन सभी के हाथों में बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के साथ खड़े होने की अपील वाले बैग थे। वे ‘‘केंद्र सरकार जवाब दो” और ‘‘वी वांट जस्टिस” के नारे लगा रहे थे।
फिलिस्तीन वाले बैग के बाद गर्माई सियासत
प्रियंका गांधी सोमवार को संसद में एक बैग लेकर पहुंचीं जिस पर बड़े अक्षरों में फिलिस्तीन लिखा था। इस बैग पर फिलस्तीन के प्रतीक चिन्ह भी थे,साथ ही एक कबूतर भी बना था जो शांति का प्रतीक है। प्रियंका ने फिलिस्तीन और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में शांति की अपील की है। इस युद्ध में हजारों लोगों की जान जा चुकी है। प्रियंका गांधी की इस हरकत पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि गांधी परिवार के लिए तुष्टीकरण कोई नई बात नहीं है। नेहरू से लेकर प्रियंका गांधी तक, वे हमेशा तुष्टीकरण का बैग लेकर चलते हैं, देशभक्ति का नहीं। यही बैग उनकी हार का कारण है। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस को नई मुस्लिम लीग बताया। उन्होंने प्रियंका गांधी को राहुल गांधी से भी बड़ा संकट कहा। उन्होंने कहा कि सर्दियों के सत्र के अंत में कांग्रेस के लिए दो मिनट का मौन रखा जाना चाहिए। मालवीय ने X पर लिखा, “उन्हें लगता है कि संसद में फिलिस्तीन के समर्थन में बैग लेकर चलना पितृसत्ता के खिलाफ लड़ाई है। मुसलमानों के प्रति सांप्रदायिक तुष्टीकरण अब पितृसत्ता के खिलाफ रुख के रूप में दिखाया जा रहा है। कोई गलती न करें, कांग्रेस नई मुस्लिम लीग है।”
कांग्रेस ने किया था बचाव
कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, “फिलिस्तीन में बच्चों की हत्या हो रही है, अस्पतालों पर बमबारी हो रही है और वह (प्रियंका) मानवता के आधार पर इन सबका विरोध कर रही हैं। एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान की भी प्रतिक्रिया सामने आई थी। उन्होंने कहा था, “अटल बिहारी वाजपेयी, महात्मा गांधी, सभी ने फिलिस्तीन का समर्थन किया था। हमने हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन किया है।”
इजरायल के हमलों का करती रही हैं विरोध
प्रियंका गांधी सोशल मीडिया पर लगातार इजरायल के हमलों का विरोध करती रही हैं। उन्होंने इजरायली कार्रवाई को “नरसंहार” भी बताया है। मीडिया के एक सवाल पर प्रियंका ने कहा कि वे कहते हैं कि सांसद ऐसा नहीं कर सकते। अब कौन तय करेगा कि मैं क्या कपड़े पहनूं? यह विशिष्ट पितृसत्ता है कि आप तय करते हैं कि महिलाएं क्या कपड़े पहनें। मैं इससे सहमत नहीं हूं। मैं वही पहनूंगी जो मैं चाहती हूं।प्रियंका गांधी का मानना है कि कपड़े पहनना उनका निजी मामला है और कोई भी उन्हें यह नहीं बता सकता कि उन्हें क्या पहनना है और क्या नहीं। बहरहाल, प्रियंका ने अपने बैग के ज़रिए फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिखाई। भाजपा ने इसे तुष्टीकरण बताया। यह मामला राजनीतिक रंग लेने लगा तो प्रियंका ने संतुलन दिखाने को बांग्लादेशी हिंदुओं और ईसाइयों का झंडा उठा लिया। अब लोग इंतजार करते हैं कि इस पर कैसी “राजनीतिक बमबाजी” होती है।