कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन (Ranjeet Ranjan) ने मंगलवार को कहा कि (प्रस्ताव पेश करने के लिए) 50 हस्ताक्षरों की आवश्यकता है लेकिन हमें 70 मिले हैं।
नई दिल्ली। (no-confidence motion against Rajya Sabha Chairman) संसद के शीतकालीन सत्र में जारी टकराव के बीच विपक्ष की तरफ से राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। राज्यसभा के सभापति के कामकाज से नाराज विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। इस प्रस्ताव में सभापति पर सदन में पक्षपातपूर्ण कामकाज का आरोप लगाया गया है। विपक्ष ने अनुच्छेद 67(बी) के तहत अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।
कांग्रेस की तरफ से पहले ही दावा किया गया था कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए जरूरी संख्या उसके पास है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन (Ranjeet Ranjan) ने मंगलवार को कहा कि (प्रस्ताव पेश करने के लिए) 50 हस्ताक्षरों की आवश्यकता है, लेकिन हमें 70 मिले हैं।
उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया है
- उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए किसी भी सदन (राज्यसभा या लोकसभा) के सदस्यों का कम से कम 14 दिन का लिखित नोटिस देना अनिवार्य है। इस नोटिस में उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए स्पष्ट कारण होने चाहिए।
- इस प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान संसद के दोनों सदनों में किया जाता है।
- प्रस्ताव पास होने के लिए दोनों सदनों में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
विपक्ष में सभापति के खिलाफ असंतोष
अगस्त में संसद के मानसून सत्र के दौरान भी विपक्ष ने सभापति के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया था लेकिन उस समय पर कार्रवाई ना करने का फैसला किया गया था। अब इंडिया ब्लॉक के कई नेता सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ असंतोष जता चुके हैं। इसके अलावा विपक्ष उन पर पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगा रहा है।
टीएमसी और सपा का मिला साथ
इससे पहले विपक्ष ने दावा किया था कि अविश्वास प्रस्ताव पर करीब 70 सांसदों के हस्ताक्षर हो चुके हैं। इसमें आईएनडीआईए की तमाम पार्टियां थी. जानकारी के अनुसार, कांग्रेस से दूर-दूर चल रही तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का निर्णय किया है। इन दोनों पार्टियों के राज्यसभा सदस्यों ने भी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।