हाइपरसोनिक मिसाइलें मैक 5 या उससे ज्यादा की रफ्तार से हमला करती हैं और हवा में अपना रास्ता बदलने में माहिर होती हैं। इन्हें मार गिराना लगभग असंभव होता है।
नई दिल्ली। (Indian hypersonic missile test) भारत ने करीब 1500 किलोमीटर तक मार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। शनिवार की रात ओडिशा के तट के पास डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किए गए इस परीक्षण की जानकारी स्वयं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर दी। भारत ने स्वदेशी तरीके से बनाई गई इस हाइपरसोनिक मिसाइल का यह टेस्ट ऐसे समय पर किया है जब चीन और पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। चीन के पास बहुत पहले से ही हाइपरसोनिक मिसाइल है जबकि पाकिस्तान इस मिसाइल को चीन से हासिल कर सकता है। चीन हाइपरसोनिक मिसाइलों के जरिए अंतरिक्ष के रास्ते भी हमला करने में सक्षम है।
हाइपरसोनिक मिसाइलें मैक 5 या उससे ज्यादा की रफ्तार से हमला करती हैं और हवा में अपना रास्ता बदलने में माहिर होती हैं। इस वजह से इन्हें किसी भी आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम से मार गिराना लगभग असंभव होता है। हाल के दिनों में यूक्रेन युद्ध में रूस ने बहुत बड़े पैमाने पर हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है और जमकर तबाही मचाई है। हाइपरसोनिक मिसाइलों की इसी ताकत की वजह से इन्हें आधुनिक ब्रह्मास्त्र कहा जाता है और दुनिया का हर ताकतवर देश इसे बनाने में जुटा हुआ है।
अमेरिका के अटलांटिक काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में अभी केवल अमेरिका, चीन, रूस और भारत ने ही हाइपरसोनिक मिसाइल की ताकत का प्रदर्शन किया है। युद्ध में हाइपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल करने के मामले में रूस पहला देश है। दुनिया में सबसे तेज हमला करने के मामले में रूस की जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल सबसे आगे है। जिरकॉन मिसाइल मैक 8 की गति से 1000 किलोमीटर तक हमला करने में सक्षम है। भारत ने अभी अपनी नई मिसाइल की ठीक-ठीक स्पीड नहीं बताई है लेकिन उसकी मारक क्षमता रूसी जिरकॉन से ज्यादा यानि 1500 किमी तक है। रूस ने अपने हाइपरसोनिक मिसाइलों पर साल 1980 के दशक से काम करना शुरू कर दिया था। रूस के पास जिरकॉन के अलावा एवनगार्ड और किंझल हाइपरसोनिक मिसाइलें हैं। किंझल करीब 2000 कोलोमीटर तक हमला कर सकती है। रूस इनके जरिए परमाणु हमला करने में भी सक्षम है।