अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना 1875 में अलीगढ़ मुस्लिम कॉलेज के रूप में की गई थी। 1920 में इसे विश्वविद्यालय का दर्जा मिला।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविदायालय के अल्पसख्यंक दर्जे को बरकरार रखा है। शीर्ष अदालत की सात सद्स्यीय संविधान पीठ ने शुक्रवार को 4-3 के बहुमत से यह फैसला सुनाया। इस मामले पर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) समेत चार जजों ने एकमत फैसला दिया है जबकि तीन जजों ने डिसेंट नोट दिया है। मामले पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायामूर्ति मनोज मिश्रा एकमत हैं जबकि न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा का फैसला अलग है।
सीजेआई ने अनुच्छेद 30A का हवाला देकर पूछा सवाल
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि अनुच्छेद 30A के तहत किसी संस्थान को अल्पसंख्यक मानने के क्या मानदंड हैं? सीजेआई ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि संघ उस प्रारंभिक आपत्ति पर जोर नहीं दे रहा है कि सात न्यायाधीशों को रेफरेंस नहीं किया जा सकता है। यह विवादित नहीं है कि अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों को भेदभाव न करने का अधिकार देता है। सवाल यह है कि क्या उन्हें भेदभाव न करने के अधिकार के साथ-साथ कोई विशेष अधिकार भी प्राप्त है।
उन्होंने आगे कहा कि किसी भी नागरिक की ओर से स्थापित एक शैक्षणिक संस्थान को अनुच्छेद 19(6) के तहत विनियमित किया जा सकता है। इस अदालत ने कहा है कि अनुच्छेद 30 के तहत अधिकार पूर्ण नहीं है। अनुच्छेद 19(6) के तहत अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों का विनियमन की अनुमति है, बशर्ते कि यह संस्थान के अल्पसंख्यक चरित्र का उल्लंघन न करे।
एएमयू का इतिहास
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना 1875 में सर सैयद अहमद खान द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम कॉलेज के रूप में की गई थी। जिसका उद्देश्य मुसलमानों के शैक्षिक उत्थान के लिए एक केंद्र स्थापित करना था। 1920 में इसे विश्वविद्यालय का दर्जा मिला और इसका नाम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय रखा गया। वर्ष 1968 केएस. अजीज बाशा बनाम भारत संघ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एएमयू को केंद्रीय विश्वविद्यालय माना था लेकिन साल 1981 में एएमयू अधिनियम 1920 में संशोधन लाकर संस्थान का अल्पसंख्यक दर्जा बहाल कर दिया गया था। बाद में इसे इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई और यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।