News Haveli, प्रयागराज। (Lakshmi Narayan Tripathi removed) बॉलीवुड अभिनेत्री और मॉडल रह चुकी ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद उठा तूफान बढ़ता जा रहा है। किन्नर अखाड़े में घमासान जैसी स्थिति है। अखाड़े के तमाम संतों द्वारा ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर आपत्ति जताए जाने के बाद अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास (Rishi Ajay Das) ने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को पदमुक्त कर दिया है। उन्होंने इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया है। हालांकि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इस कार्रवाई को अनुचित बताते हुए कहा कि अजय दास को अखाड़े से पहले ही निकाला जा चुका है। ऐसे में वह वह किस हैसियत से कार्रवाई कर सकते हैं?
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की पदवी दिए जाने को लेकर किन्नर अखाड़े के भीतर ही विरोध शुरू हो गया था। किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास और आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी इस मसले पर आमने-सामने आ गए हैं। अजय दास ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ ही ममता कुलकर्णी को भी पद से हटा दिया है। दूसरी ओर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का कहना है कि अजय दास किस हैसियत से कार्रवाई करेंगे। उनको तो पहले से ही अखाड़े से निकाला जा चुका है।
अजय दास ने जारी किया पत्र
ऋषि अजय दास ने मीडिया को जारी पत्र में कहा है कि वर्ष 2015-16 में उज्जैन के महाकुंभ में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर पद पर नियुक्त किया गया था। जिस उद्देश्य को लेकर उनको पदवी दी गई थी, उससे वह भटक गए हैं। इसलिए उनको पदमुक्त किया जा रहा है। शीघ्र ही उन्हें इसकी लिखित सूचना दे दी जाएगी। यह भी आरोप लगाया कि बिना उनकी सहमति के 2019 के कुंभ में इन्होंने एक अनुबंध जूना अखाड़े के साथ कर लिया जो कि अनैतिक ही नहीं विधि के अनुकूल भी है। यह एक जालसाजी है। फिल्मी दुनिया से संबंध रखने वाली ममता कुलकर्णी को उन्होंने महामंडलेश्वर बना दिया। इससे सनातन धर्म की छवि धूमिल हो रही है। इससे मजबूर होकर कार्रवाई करनी पड़ी।