देपसांग और डेमचोक में गश्त बिंदु वे बिंदु होंगे जहां दोनों देशों की सेनाएं अप्रैल 2020 से पहले पारंपरिक रूप से गश्त कर रही थीं।
नई दिल्ली। (Depsang-Demchok disengagement) भारत और चीन के बीच हुए समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के देपसांग और डेमचोक इलाकों में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे की तरफ से वहां जगह खाली करने और सैन्य बुनियादी ढांचे को खत्म करने की पुष्टि कर रही हैं। दोनों सेनाएं अब उन क्षेत्रों में गश्त शुरू करेंगी जहां वे अप्रैल 2020 में गतिरोध शुरू होने के बाद नहीं पहुंच पाई थीं। रक्षा सूत्रों ने मंगलवार को यहजानकारी दी है।
गलवान क्षेत्र सहित चार बफर जोन के बारे में अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है। सूत्रों ने कहा कि कोर कमांडर स्तर पर चर्चा बफर जोन में गश्त फिर से शुरू करने की संभावना पर फैसला करेगी जो डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में गश्त की सफल शुरुआत के बाद होगी।
भारत ने 21 अक्टूबर, 2024 को घोषणा की थी कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पैट्रोलिंग को लेकर चार साल से अधिक समय से बने सैन्य गतिरोध को समाप्त करने के लिए चीन के साथ एक समझौते पर सहमति बनी है। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर का भी बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था, “दोनों देशों के बीच विश्वास बनाने में समय लगेगा लेकिन सैनिकों की वापसी महत्वपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि दो महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सैन्य वापसी पहला कदम है और तनाव को कम करना अगला कदम है।
ग्राउंड कमांडरों की बैठकें रोजाना होंगी
सूत्रों ने कहा कि ग्राउंड कमांडरों की नियमित बैठकें होती रहेंगी। गश्त में शामिल सैनिकों की ताकत की पहचान की गई है और किसी भी गलत संचार से बचने के लिए जब हम गश्त करने जाएंगे तो एक-दूसरे को सूचित करेंगे। शेड या तंबू, सैनिकों जैसे सभी अस्थायी बुनियादी ढांचे को हटा दिया जाएगा। दोनों पक्ष इस क्षेत्र पर निगरानी रखेंगे। देपसांग और डेमचोक में गश्त बिंदु वे बिंदु होंगे जहां हम अप्रैल 2020 से पहले पारंपरिक रूप से गश्त कर रहे थे।”
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