Mon. Jun 23rd, 2025
Kerala thaliKerala thali

केरल में स्वादिष्ट शाकाहारी व्यंजनों की लम्बी श्रृंखला है तो समुद्र तटीय राज्य होने की वजह से मछली, झींगा और केकड़े के भी तरह-तरह के व्यंजन बनाये जाते हैं। केरल के भोजन में चावल, नारियल और केले का व्यापक प्रभाव है। यहां के व्यंजनों का राजा सद्या को माना जाता है।

न्यूज हवेली डेस्क

 “सालों की धरती” केरल के पकवानों की सुगन्ध अनोखी होती है तो स्वाद लाजवाब। यहां की भोजन परम्परा मालाबार, फ्रेंच और अरब के व्यंजनों के साथ विकसित हुई है जिस पर तमिलनाडु और कर्नाटक का भी काफी प्रभाव है। यहां स्वादिष्ट शाकाहारी व्यंजनों की लम्बी श्रृंखला है तो समुद्र तटीय राज्य होने की वजह से मछली, झींगा और केकड़े के भी तरह-तरह के व्यंजन बनाये जाते हैं। यहां चिकन और मटन के व्यंजन तो बनते ही हैं, बीफ से भी कई तरह की डिश बनायी जाती हैं।

Kerala Thali (Sadya)
Kerala Thali (Sadya)

केरल के भोजन में चावल, नारियल और केले का व्यापक प्रभाव है। यहां के व्यंजनों का राजा सद्या को माना जाता है। उबले चावल, विभिन्न सब्जियों, मसालेदार चटपटे व्यंजनों और मीठे पकवानों से भरपूर इस खाद्य श्रृंखला की विशेष बात है इसका उच्च पौष्टिक स्तर। इस भोजन की शुरुआत चने की सब्जी से होती है जिसके बाद सांभर परोसा जाता है.

पुट्टू और कडाला करी :

पुट्टू और कडाला करी
पुट्टू और कडाला करी

यह केरल का एक पारम्परिक भोजन है। पुट्टु एक तरह का केक है जिसे चावल के आटे, नमक और नारियल को भाप वाले बर्तन में पका कर बनाया जाता है। इसे कडाला करी के साथ परोसा जाता है। कडाला करी मसालेदार नारियल ग्रेवी और काले चने से बनायी जाती है। यह इस राज्य का अत्यन्त लोकप्रिय नाश्ता है, हालांकि बहुत से लोग इसे मुख्य भोजन के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं।

अप्पम : यह एक प्रकार का पैनकेक है जिसे चावल के किण्डवित आटे, नारियल के दूध, नारियल के पानी और चीनी से बनाया जाता है। यह मूल रूप से एक शाकाहारी व्यंजन है जिसे “केरला स्टू” के साथ परोसा जाता है। “केरला स्टू” आलू, प्याज, अदरक और लहसुन से बनी ग्रेवी डिश है। इसे चिकन या मेमना करी के साथ भी खाया जाता है। यह केरल के स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों की भी पसंदीदा डिश है।

इडियप्पम विथ करी :

इडियप्पम विथ करी
इडियप्पम विथ करी

इडियप्पम को नूलप्पम भी कहा जाता है। इसे तैयार करने के लिए चावल के आटे औरनमक के घोल की लम्बी-लम्बी सेवंइया बनाकर भाप में पकायी जाती हैं। इसको सभी प्रकार की करी के साथ खाया जा सकता हैलेकिन मसालेदार अण्डा करी के साथ सबसे ज्यादा स्वादिष्ट लगता है।

एरीसेरी : इसको आमतौर पर नमक, मिर्च, काली मिर्च, मसूर की दाल, कसे हुए नारियल, हल्दी पाउडर, जीरा और लहसुन के साथ थोड़ा मीठा कद्दू उबालकर तैयार किया जाता है। इसे चावल के साथ परोसा जाता है। त्योहारों पर इसे लगभग सभी घरों में बनाया जाता है।

एला अदा : यह केरल के सबसे बेहतरीन पकवानों में से एक है जिसकी सुगन्ध मुंह में पानी ला देती है। यह चावल से बनायी जाने वाली स्टफ्ड मीठी डिश है जिसमें गुड़ और नारियल का मिश्रण भरा होता है। चावल के इन पकौड़ों को केले के पत्तों में लपेटकर भाप में पकाया जाता है। इसे त्योहारों, वैवाहिक और धार्मिक समारोहों के दौरान तैयार कर 12 से 20 व्यंजनों के साथ केले के पत्ते पर परोसा जाता है।

डोसा घी रोस्ट विथ सांभर :

डोसा घी रोस्ट विथ सांभर
डोसा घी रोस्ट विथ सांभर

चावल के आटे और उड़द की दाल से बने डोसे कोबड़े से तवे पर कुरकुरा होने तक पकाया जाता है। इसे केरली सांभर के साथ परोसा जाता है।

इडली सांभर :

इडली सांभर
इडली सांभर

यह केरल का एक लोकप्रिय नाश्ता है। इडली बनाने के लिए चावल के किण्डवित घोल को सांचे में डाल कर भाप में पकाया जाता है। इसे सब्जियों की मसालेदार स्वादिष्ट करी यानी सांभर और नारियल की चटनी के साथ खाया जाता है।

मालाबार पोरोटा :

मालाबार पैरोटा
मालाबार पैरोटा

यह उत्तर भारत के लच्छेदार परांठे की तरह की एक डिश है। परतदार खट्टा-मीठा मालाबार पोरोटा इतना नरम, कुरकुरा और खस्ता होता है कि मुंह में जाते ही पिघल जाता है।इसे मैदे से बनाया जाता है।

नादान कोझी वरुथु :

नादान कोझी वरुथु
नादान कोझी वरुथु

इसे चिकन को तल कर बनाया जाता है जिसमें काफी मात्रा में मसाले होते हैं। इसे केले के पत्ते पर प्याज, मसाले, लहसुन और सिरके के साथ परोसा जाता है। इसे पोरोटा, अप्पम या चावल के साथ भी खा सकते हैं। स्ट्रीट फूड के रूप में इसे डोसा के साथ भी परोसा जाता है।

नादान बीफ फ्राई : इसे बनाने के लिए बीफ को भूनने के बादमसालेदार गाढ़ी ग्रेवी में पकाया जाता है। इसको पोरोटा, चपातीया चावल के साथ परोसा जाता है।

झींगा करी :

झींगा करी केरल स्टाइल
झींगा करी केरल स्टाइल

यदि आप मांसाहारी हैं तो केरल की इस पारम्परिक डिश को अवश्य चखें। इसे बनाने के लिए झींगे को नमक,पिसी हल्दी, मिर्च और काली मिर्च के साथ मैरीनेट कर फ्राई किया जाता है। इसके बाद इसे नारियल के दूध और गुड़ में पका कर करी पत्ते से गार्निश किया जाता है।

करीमीन पोलीचाथु :

करीमीन पोलीचाथु
करीमीन पोलीचाथु

इसे पर्ल स्पॉट फिश से बनाया जाता है। यह धब्बेदार मछली आमतौर पर अल्लेप्पी और कुमारकोम के बैकवाटर में पायी जाती है। करीमीन पोलीचाथु तैयार करने के लिए मछली को नींबू के रस और लाल मिर्च समेत कई प्रकार के मसालों के साथ मौरीनेट किया जाता है। मैरीनेट की हुई मछली को आमतौर पर केले के पत्ते में लपेट कर बेक्ड किया जाता है।

फिश मोली : यह केरल के सबसे स्वादिष्ट नॉन-वेजेटेरियन व्यंजनों में से एक है। इसे नारियल के दूध, कोकम और मसालों के साथ तैयार किया है। इसे कुदम्पुली के रूप में भी जाना जाता है।

थालास्सेरी बिरयानी  :

थालास्सेरी बिरयानी
थालास्सेरी बिरयानी

उत्तरी केरल के शहरी क्षेत्र में यह एक प्रमुख व्यंजन है। इसे कामा या बिरयानी चावल, विशिष्ट मसालों, सूखे मेवों और भरवां मांस से तैयार किया जाता है। मालाबार क्षेत्र में ईद के उत्सव के दौरान थालास्सेरी बिरयानी को अवश्य बनाया जाता है। इसे दही, चूने के अचार (नारंगा अचार) और सलाद के साथ परोसा जाता है।

एराची वरुथार्चा करी : यह केरल का एक पारम्परिक मांसाहारी व्यंजन है। सीरियाई ईसाई समुदाय के परिवार खुशी के अवसरों पर इसे अवश्य बनाते हैं। इसे बनाने के लिए मटन को पिसे हुए मसालों के साथ रोस्ट किया जाता है।फिर इसे नारियल, प्याज और टमाटर की ग्रेवी के साथ पकाया जाता है। इसे आमतौर पर अप्पम और चावल के साथ खाया जाता है।

पालदा पायसम :

पालदा पायसम
पालदा पायसम

यह केरल का पारम्परिक स्वादिष्ट मीठा व्यंजन है जिसे चावल, दूध, चीनी और घी से बनाया जाता है। स्वाद और सुगंध बढ़ाने कि लिए इसमें इलायची पाउडर और सूखे मेवे भी डाले जाते हैं।

एथाक्का :

एथाक्का
एथाक्का

यह एक तरह के मीठे पकौड़े हैं जिन्हें पके हुए केलों से तैयार किया जाता है। इसे बनाने के लिए केले को सादे आटे में लपेटकर तेल में डीप फ्राई किया जाता है। इसे आमतौर पर सुबह और शाम नाश्ते में खाया जाता है।

अडा प्रथमन :

अडा प्रथमन
अडा प्रथमन

यह एक प्रकार की खीर है जिसे नारियल के गाढ़े दूध, गुड़ और बेक्ड चावल के मिश्रण से तैयार किया जाता है। तैयार होजाने पर इसमें काजू आदि मेवे भी मिलाये जाते हैं।

चट्टी पाथरी : यह उत्तरी मालाबार क्षेत्र की एक प्रमुख डिश है। यह मिठाई आटे, अंडे, इलायची आदि मसालों और तेल से बनायीजाती है।

112 thought on “केरल : “मसालों की धरती” की सुगन्ध”
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