अमेरिका की स्पेश रिसर्च इंस्टीट्यूट नासा ने कसार देवी मुख्य मन्दिर के द्वार के बायीं ओर ग्रेविटी पाइंट को चिह्नित करते हुए GPS-8 लिखा है। कासर देवी गांव को Zero Gravity Village of India भी कहा जाता है।
न्यूज हवेली नेटवर्क
अल्मोड़ा-बागेश्वर मार्ग पर अल्मोड़ा से करीब आठ किलोमीटर दूर है कसार देवी (Kasar Devi)। कश्यप पहाड़ी पर एक गुफा-नुमा जगह पर स्थित कसार देवी मन्दिर (Kasar Devi Temple) की वजह से इसे यह नाम मिला है। माना जाता है कि इस जगह पर मां दुर्गा साक्षात प्रकट हुई थीं। यहां देवी के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है।
यह क्षेत्र मध्य हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रेणी में आता है। कसार देवी मन्दिर की स्थापना दूसरी शताब्दी में हुई थी। 1890 के दशक में स्वामी विवेकानन्द कुछ महीनों के लिए यहां आये थे। अल्मोड़ा से करीब 22 किलोमीटर दूर कालीघाट में उन्हें विशेष ज्ञान की अनुभूति हुई थी। 1960-1970 के दौर में हिप्पी आन्दोलन के चलते कसार देवी (Kasar Devi) को बहुत प्रसिद्धी मिली। कसार देवी गांव को आज भी हिप्पी गांव कहा जाता है। यहां आपको दुनिया के हर कोने के लोग मिल जायेंगे।
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कसार देवी (Kasar Devi) व आसपास के क्षेत्र में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से लेकर जून तक का माना जाता है। नवम्बर से फरवरी तक यहां बहुत अधिक सर्दी पड़ती है।
कसार देवी जीपीएस 8 (Kasar Devi GPS 8)
वैज्ञानिकों के अनुसार कसार देवी मन्दिर के आसपास का पूरा क्षेत्र “वैन एलेन बेल्ट” है, जहां धरती के भीतर विशाल भू-चुंबकीय पिंड है। इस पिंड में विद्युतीय चार्ज कणों की परत होती है जिसे रेडियेशन भी कह सकते हैं। यह भारत का एकमात्र और दुनिया का तीसरा ऐसा स्थान है जहां खास चुंबकीय शक्तियां मौजूद हैं। अमेरिका की स्पेश रिसर्च इंस्टीट्यूट नासा ने कसार देवी मुख्य मन्दिर के द्वार के बायीं ओर ग्रेविटी पाइंट को चिह्नित करते हुए GPS-8 लिखा है। कासर देवी गांव को Zero Gravity Village of India भी कहा जाता है।
कसार देवी में कहां जायें, क्या करें (Where to go, what to do in Kasar Devi)
कसार देवी के आसपास पाषाण युग के अवशेष मिलते हैं। इसके आलावा क्रैंक रिज (हिप्पी आन्दोलन के लिए चर्चित,) चितई का गोलज्यू मन्दिर (9 किमी), अल्मोड़ा (8 किमी), बिनसर (17 किमी) आदि भी जा सकते हैं।
कसार देवी में क्या खायें (What to eat in Kasar Devi)
आलू के गुटके, प्याज के पकौड़े, राजमा-चावल, राई पड़ा खीरे का रायता, भट्ट की दाल, डुबके और जौला, मडुवे की रोटी, गहत की बेड़ुवा रोटी, रस-भात, भांग की चटनी आदि।
कसार देवी में कहां ठहरें (Where to stay in Kasar Devi)
कसार देवी अल्मोड़ा से करीब 8 किलोमीटर पड़ता है। ऐसे में तमाम पर्यटक अल्मोड़ा में ठहरना ही पसन्द करते हैं। हालांकि कसार देवी में भी कुछ होटल और रिजॉर्ट हैं। अल्मोड़ा में होटल शिवालिक, होटल शिखर, मेहरा कॉटेज, होटल पहाड़ी आर्गेनिक आदि तथा कसार देवी में कसार शेरेनिटी, कसार जंगल रिजार्ट आदि में रुका जा सकता है।
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ऐसे पहुचें कसार देवी (This is how Kasar Devi reached)
वायु मार्ग : निकटतम हवाईअड्डा पंतनगर एयरपोर्ट यहां से करीब 127 किलोमीटर दूर है। बरेली का सिविल एनक्लेव यहां से करीब 200 किमी पड़ता है।
रेल मार्ग : निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम और हल्द्वानी हैं। इन दोनों स्टेशनों के लिए हावड़ा, दिल्ली, लखनऊ, बरेली, गाजियाबाद, देहरादून आदि से ट्रेन मिलती हैं।
सड़क मार्ग : हल्द्वानी, भीमताल, भवाली, गरमपानी होते हुए अल्मोड़ा के रास्ते कसार देवी मन्दिर पहुंच सकते हैं।
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