Wed. Feb 5th, 2025
sharad pawar

MONAL

News Havel, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले जैसे-तैसे बनाए गए इंडिया गठबंधन (India Alliance) में इन दिनों कुछ भी सही नहीं चल रहा है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा सीटों के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी और अब दिल्ली विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अलग-अलग ताल ठोंकने के साथ ही इनके नेता एक-दूसरे पर “जहर” भी उगल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इंडिया गठबंधन खत्म हो गया? इसका जवाब दिया है इस गठबंधन के सबसे उम्रदराज नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने।

मुंबई के एक संवाददाता सम्मेलन में एनसीपी-एसपी के नेता शरद पवार ने कहा, “इंडिया गठबंधन सिर्फ राष्ट्रीय स्तर के चुनावों के लिए बना था। विधानसभा चुनाव में इसका कोई मतलब नहीं है। स्थानीय चुनाव और राज्य के चुनावों के लिए इंडिया गठबंधन में कभी भी चर्चा नहीं हुई।”

आरएसएस की प्रशंसा पर दी सफाई

इस दौरान शरद पवार ने आरएसएस की प्रशंसा पर भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने आरएसएस की विचारधारा का समर्थन नहीं किया बल्कि उसके कार्यकर्ताओं की मेहनत की प्रशंसा की। उन्होंने कहा था कि जिस तरह आरएसएस कार्यकर्ता अपने विचारधारा पर दृढ़ रहते हैं, वैसे कार्यकर्ताओं की जरूरत उनकी पार्टी को भी है।

उमर अब्दुल्ला और संजय राउत ने पूछे थे सवाल

इंडिया गठबंधन को लेकर शरद पवार का बयान उस समय आया है कि जब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसकी बैठक नहीं बुलाने पर आपत्ति जताई थी। अब्दुल्ला ने कहा था कि विधानसभा चुनावों के लिए चर्चा नहीं हो रही है, न ही गठबंधन का एजेंडा और नेतृत्व पर बात हो रही है। अगर गठबंधन खत्म हो गया है तो स्पष्ट कर देना चाहिए। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने भी संवाद नहीं करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस गठबंधन की बड़ी पार्टी है और उसे सहयोगी दलों से बातचीत करना चाहिए। इससे पहले टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने भी इंडिया गठबंधन के नेतृत्व की दावेदारी की थी और उन्हें शरद पवार के साथ लालू यादव का समर्थन हासिल था। 

यह एक तरह से गठबंधन खत्म होने की घोषणा

इस तरह की स्थिति को देखते हुए शरद पवार के इस ताजा बयान को 2023 में बने विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के खत्म होने की घोषणा माना जा रहा है। किसी कारणवश मध्यावधि चुनाव होते हैं तो बात दूसरी है अन्यथा लोकसभा चुनाव (लोकसभा चुनाव) करीब पांच साल बाद 2029 में होंगे। इधर दिल्ली के बाद बिहार, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अगर शरद पवार के बयान को सच माना जाए तो बिहार में लालू प्रसाद यादव और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर फैसला करेंगी। लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी अकेले ही बंगाल की सभी सीटों पर चुनाव लड़ी थीं और बड़ी जीत हासिल की थी। ऐसे में यह तय है कि विधनासभा चुनाव (Assembly Elections) में भी वह कांग्रेस को कोई भाव नहीं देंगी। लालू के तेवर भी कांग्रेस के प्रति तल्ख नजर आ रहे हैं।

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