Sun. Apr 20th, 2025
ins surat, ins nilgiri and ins vagsheer

MONAL

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को मुंबई के मडगांव नौसेना डॉकयार्ड में आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर (INS Surat, INS Nilgiri and INS Vagsheer) को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी (Admiral Dinesh Tripathi) ने कहा कि ये तीनौं प्लेटफॉर्म भारतीय नौसेना की क्षमता को सशक्त और प्रभावशाली बनाएंगे जिससे हमारे सामुद्रिक हितों की सुरक्षा और भी मजबूत होगी।

भारत में बने हैं दोनों युद्धपोत और पनडुब्बी

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत की समुद्री विरासत नौसेना (Indian Navy) के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए भी बहुत बड़ा दिन है। उन्होंने आगे कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना को नया सामर्थ्य और विजन दिया था। आज उनकी इस पावन धरती पर 21वीं सदी की नौसेना को सशक्त करने की तरफ हम एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। यह पहली बार हो रहा है, जब एक डिस्ट्रॉयर, एक फ्रिगेट और एक पनडुब्बी को एक साथ कमीशन किया जा रहा है। गर्व की बात कि ये तीनों मेड इन इंडिया हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा,“आज भारत पूरे विश्व और खासकर ग्लोबल साउथ में एक भरोसेमंद और जिम्मेदार साथी के रूप में पहचाना जा रहा है। भारत विस्तारवाद नहीं, विकासवाद की भावना से काम करता है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के भारत का सैन्य सामर्थ्य भी अधिक सक्षम और आधुनिक हो, यह देश की प्राथमिकताओं में से एक है। जल हो, थल हो, नभ हो, गहरा समुद्र हो या फिर असीम अंतरिक्ष, हर जगह भारत अपने हितों को सु​रक्षित कर रहा है। इस​के लिए निरंतर रिफॉर्म किए जा रहे हैं।

बेहद खास हैं तीनों प्लेटफॉर्म

  • आईएनएस सूरत : यह दुनिया के सबसे बड़े और सबसे बेहतर विध्वंसकों में से एक है। यह पी15बी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा युद्धपोत है। इसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।
  • आईएनएस नीलगिरी : यह 17ए स्टेल्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला युद्धपोत है। इसे समुद्र में लंबे समय तक रहने तथा स्टेल्थ क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है।
  • आईएनएस वाग्शीर : नौसेना के समुद्री बेड़े में इजाफा करने के लिए जहाज-पनडुब्बी निर्माण की परियोजना पी-75 के तहत निर्मित अत्त घातक छठी स्कॉर्पीन पनडुब्बी है।

 

19 thought on “समुद्र में बढ़ती ताकत : आईएनएस सूरत, नीलगिरी और वाघशीर देश को समर्पित”
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