वर्ष के अंतिम और नए वर्ष पहले सप्ताह में ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन करने को लाखों श्रद्धालु वृंदावन पहुंचते हैं। देश-विदश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है।
वृंदावन। आम लोगों की तरह धर्मस्थल भी नए साल की तैयारी में जुट गए हैं। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर भी इससे अछूता नहीं है। मंदिर का प्रबंधन नए साल और इस दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत की तैयारियों में जुट हुआ है। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर प्रबंधन ने इस साल के अंतिम और नव वर्ष के पहले सप्ताह में श्रद्धालुओं की भीड़ का अंदाजा लगाते हुए बुजुर्ग, बीमार और दिव्यांगजनों से मंदिर न आने की अपील की है। साथ ही कहा है कि सामान्य रोगी भी मंदिर आने से पहले दवा लेकर आएं ताकि भीड़ के दबाव में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
वर्ष के अंतिम और नए वर्ष की शुरुआत में ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन करने की इच्छा लिये लाखों श्रद्धालु वृंदावन पहुंचते हैं। देश-विदश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। इससे कई बार अव्यवस्था जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस कारण मदिर प्रबंधन इस बार अतिरिक्त सतर्कता बरतने के साथ ही पुख्ता इंतजाम कर रहा है।
मंदिर में प्रवेश के साथ ही श्रद्धालुओं को दर्शन कर बाहर निकालने की व्यवस्था की जा रही है। मंदिर में दर्शनार्थियों के ठहराव पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। श्रद्धालुओं को दर्शन के बाद मंदिर से बाहर निकाला जाएगा। मंदिर प्रबंधन ने इसके लिए सुरक्षागार्डों की संख्या बढ़ाई है। भीड़ के दबाव के मद्देनजर मंदिर प्रबंधन ने बीमार, बुजुर्ग और दिव्यांगों से भीड़ का आकलन कर ही मंदिर आने की अपील की है, ताकि भीड़ के दबाव में उन्हें दिक्कत का सामना न करना पड़े। इसी रविवार यानी 22 दिसंबर 2024 से नई व्यवस्था शुरू की जाएगी।
मंदिर प्रबंधन ने जिला प्रशासन से इस वर्ष के अंतिम और अगले वर्ष के पहले सप्ताह में पुलिस फोर्स तैनात करने की मांग की है, ताकि बाजार से ही श्रद्धालुओं को कतारबद्ध तरीके से मंदिर तक पहुंचाया जा सके।
ऐसे होगा श्रद्धालुओं का आगमन और प्रस्थान
मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा ने कहा कि ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर आने वाले मार्गों विद्यापीठ, हरिनिकुंज, जुगलघाट, किशोरपुरा पर क्लॉकरूम बनाए गए हैं। श्रद्धालु यहीं से जूता-चप्पल उतारकर व सामान रखकर मंदिर की ओर आगे बढ़ेंगे। विद्यापीठ, हरिनिकुंज और किशोरपुरा से आने वाले श्रद्धालु गली संख्या 3 से मंदिर के प्रवेशद्वार 3 में होकर मंदिर में प्रवेश करेंगे। जुगलघाट और दाऊजी मंदिर से आने वाले श्रद्धालु गली नंबर 2 के प्रवेशद्वार संख्या 2 से मंदिर में प्रवेश करेंगे। निकासद्वार गेट संख्या 1 और 4 रखा गया है। वीआइपी एंट्री गेट संख्या 5 से होगी।