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FSSAI ने कहा है कि मां के अलावा किसी दूसरी महिला का दूध किसी बच्चे को सिर्फ जरूरत पर ही दिया जा सकता है। इसे दान करना (donate) कह सकते हैं। FSSAI ने कहा है कि यहां दूध डोनेट करने से मतलब मुफ्त में दूध उपलब्ध कराना है। यह भी तब है जब दूध डोनेट करने वाली महिला अपनी इच्छा से डोनेट करे।

नई दिल्ली। भारत खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने मां के दूध (Human milk) की प्रोसेसिंग और बिक्री को गलत माना है। उसने महिला के दूध का कमर्शियलाइजेशन भी गलत करार दिया है। FSSAI ने इसको लेकर एडवाइजरी जारी की है। उसने कहा है कि Human milk की बिक्री तुरंत बंद हो। Human milk का इस्तेमाल केवल नवजात शिशुओं या हेल्थ फैसिलिटीज में शिशुओं को देने के लिए किया जाना चाहिए।

FSSAI ने कहा है कि देश में ह्यूमन मिल्क को प्रोसेस करने या बेचने की फूड सेफ्टी एंड स्टैंडडर्स (FSS) ऐक्ट, 2006 के अनुसार इजाजत नहीं दी जा सकती। FSSAI ने यह चेतावनी ऐसे समय जारी की है जब उसे महिला के दूध का कारोबार करने की शिकायतें मिल रही थीं। बीती 24 मई को जारी एक एडवाइजरी में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने Human milk की बिक्री से संबंधित सभी गतिविधियों को रोकने की सलाह दी है। इस बाबत उसने तमाम राज्यों को निर्देश दिया है कि ह्यूमन मिल्क की बिक्री या उसके प्रोसेसिंग को लेकर लाइसेंस देना बंद करें। Human milk की कमर्शियलाइजेशन की गतिविधियों को रोका जाए।

FSSAI की एडवाइजरी में कहा गया है कि उसने एफएसएस अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए नियमों/विनियमों के तहत Human milk की प्रोसेसिंग या बिक्री की अनुमति नहीं दी है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि ह्यूमन मिल्क और उसके उत्पादों के व्यावसायीकरण से संबंधित ऐसी सभी गतिविधियों को तुरंत रोक दिया जाना चाहिए। एफएसएसएआई ने अपनी सलाह में कहा कि नियमों के किसी भी उल्लंघन पर खाद्य व्यवसाय ऑपरेटरों (एफबीओ) के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

FSSAI ने इस एडवाइजरी में कहा है कि उसके संज्ञान में आया है कि हाल के सालों में कुछ कंपनियां इस तरह के दूध की बिक्री और प्रोसेसिंग का काम कर रही हैं। कुछ कंपनियां डेयरी प्रोडक्ट की आड़ में FSSAI का लाइसेंस लेने में कामयाब हो गईं। अब ब्रेस्ट फीडिंग प्रमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया ने सरकार से ऐसी कंपनियों का के खिलाफ कारवाई करने का अनुरोध किया है। उल्लंघन करने वालों पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

सिर्फ आवश्यकता होने पर ही कर सकते हैं दान  

FSSAI ने कहा है कि मां के अलावा किसी दूसरी महिला का दूध किसी बच्चे को सिर्फ जरूरत पर ही दिया जा सकता है। इसे दान करना (donate) कह सकते हैं। FSSAI ने कहा है कि यहां दूध डोनेट करने से मतलब मुफ्त में दूध उपलब्ध कराना है। यह भी तब है जब दूध डोनेट करने वाली महिला अपनी इच्छा से डोनेट करे। यह स्थिति तब ज्यादा बनती है जब बच्चा पैदा होता है और उसकी मां अस्पताल में भर्ती होती है। इस दौरान कई बार ऐसी स्थिति बनती है जब मां अपने नवजात बच्चे को दूध नहीं पिला पाती। तब कोई महिला अपनी इच्छा से बिना किसी लाभ के बच्चे को दूध पिला सकती है।

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