पैदल मार्च के जरिए दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे किसानों का शंभू बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बैरिकेडिंग करके रास्ता रोक दिया।
अंबाला। शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान शनिवार को एक बार फिर दिल्ली जाने पर अड़ गए। पैदल मार्च के जरिए दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे किसानों का शंभू बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बैरिकेडिंग करके रास्ता रोक दिया। जब किसानों ने बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश की तो पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे। आंसू गैस के गोलों से 17 किसान घायल हो गए जिसके बाद साथी किसान घायल किसानों को स्ट्रेचर पर उठाकर ले गए। फिलहाल 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच को वापस ले चुका है। इस बीच हरियाणा सरकार ने अंबाला के कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद करने के आदेश दिए हैं। 17 दिसंबर को रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी।
पंजाब और हरियाणा की सीमा पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। प्रदर्शन के 307वें दिन किसान केंद्र सरकार के साथ बातचीत की मांग पर अड़े हुए हैं। किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेता सरवन सिंह पंढेर ने इस मुद्दे से निपटने के सरकार के तरीके सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर चुप रहने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं।
शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए किसानों के विरोध मार्च के फिर से शुरू होने से कुछ घंटे पहले, हरियाणा सरकार ने शनिवार को सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लि अंबाला जिले के 12 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाओं को बंद कर दिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुमिता मिश्रा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह निलंबन 17 दिसंबर तक लागू रहेगा। आदेश में कहा गया है, “हरियाणा और डिप्टी कमिश्नर अंबाला द्वारा यह मेरे संज्ञान में लाया गया है कि कुछ किसान संगठनों द्वारा की गई दिल्ली कूच के अपील के मद्देनजर, अंबाला जिले के क्षेत्र में तनाव, आंदोलन, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सार्वजनिक शांति और सौहार्द बिगाड़ने की आशंका है।
“बजरंग पूनिया ने उठाया “वन नेशन वन एमएसपी का मुद्दा”
किसानों के समर्थन में शनिवार को सुबह पहलवान बजरंग पूनिया का बयान भी सामने आया। शंभू बॉर्डर रवाना होने से पहले बजरंग पूनिया ने “वन नेशन वन इलेक्शन” पर बोलते हुए कहा कि देश में अगर “वन नेशन वन इलेक्शन” की बात हो सकती है तो “वन नेशन वन एमएसपी” भी लागू होना चाहिए। बजरंग पूनिया ने आगे कहा, “मैं पहले भी किसानों के साथ था, अब भी हूं और आगे भी किसानों के साथ खड़ा रहूंगा।”