किसानों के हल्लाबोल के देखते हुए दिल्ली बॉर्डर के आस-पास चार हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेतृत्व में आज यानी सोमवार को हजारों किसान नोएडा से दिल्ली की तरफ कूच करने की तैयारी में हैं। वे नोएडा से दिल्ली में संसद भवन तक विरोध मार्च निकालेंगे जहां शीतकालीन सत्र चल रहा है। किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर में बैरिकेड लगाने और रूट डायवर्ट करने सहित सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं। भारतीय किसान परिषद (BKP) का मार्च 2 दिसंबर यानी आज से नोएडा से शुरू हो गहा है जबकि अन्य संगठन 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच करेंगे। पंजाब-हरियाणा सीमा पर मौजूद किसान भी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे। किसानों की मुख्य मांगों में न्यूनतम खरीद मूल्य (MSP) की गारंटी, कर्ज माफी, पेंशन, पिछले विरोध प्रदर्शनों के दौरान दर्ज पुलिस केस वापस लेना और 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाना शामिल है।
किसानों ने नोएडा के महामाया फ्लाईओवर को घेर लिया है, जिससे भीषण जाम की स्थिति बन गई है। किसानों के हल्लाबोल के देखते हुए दिल्ली बॉर्डर के आस-पास चार हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
BKP के नेता सुखबीर खलीफा ने कहा कि हम दिल्ली की ओर कूच करने के लिए तैयार हैं। 2 दिसंबर को हम नोएडा में महामाया फ्लाईओवर के नीचे से अपना मार्च शुरू करेंगे। दोपहर तक,हम वहां पहुंचेंगे और नए कानूनों के अनुसार अपना मुआवजा और लाभ मांगेंगे।
इन किसान संगठनों ने मिलाया हाथ
किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM-गैर-राजनीतिक) सहित विभिन्न किसान संगठन भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। ये समूह 6 दिसंबर को दिल्ली की ओर अपना मार्च शुरू करेंगे। इसके अलावा,केरल,उत्तराखंड और तमिलनाडु में किसान यूनियन उसी दिन अपनी-अपनी विधानसभाओं तक प्रतीकात्मक मार्च निकालने की योजना बना रहे हैं। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। वे दिल्ली की ओर अपने रुके हुए मार्च का विरोध कर रहे हैं। किसान मजदूर संघर्ष समिति (KMSC) के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने घोषणा की कि ये किसान 6 दिसंबर के मार्च में शामिल होंगे।
ये है किसान मार्च का रूट
किसान दिल्ली की ओर महामाया फ्लाईओवर (नोएडा में) से मार्च शुरू करेंगे। शंभू बॉर्डर (पंजाब-हरियाणा बॉर्डर) पर विरोध कर रहे किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच में शामिल होंगे। किसान नेताओं सतनाम सिंह पन्नू,सुरिंदर सिंह चौटाला,सुरजीत सिंह फूल और बलजिंदर सिंह के नेतृत्व में किसानों का पहला जत्था दिल्ली जाएगा। उनकी यात्रा में हरियाणा के अंबाला, मोहरा अनाज मंडी, खानपुर जट्टान और पिपली में रुकना शामिल होगा। वे रोजाना सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चलने की योजना बना रहे हैं और रात में सड़क पर ही आराम करेंगे
किसानों की 7 मांगें
-कानूनी गारंटी वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
-कृषि ऋण माफ
-किसानों और कृषि मजदूरों के लिए पेंशन
-पिछले विरोध प्रदर्शनों के दौरान दर्ज किए गए पुलिस मामलों को वापस लेना
-2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय
-भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को बहाल करना
-2020-21 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा
किसानों को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग मंजूर नहीं
18 फरवरी को हुई पिछली बातचीत में, केंद्र ने पांच साल के लिए दाल,मक्का और कपास जैसी फसलों को MSP पर खरीदने की पेशकश की थी। हालांकि,किसान नेताओं ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। पंढेर ने बातचीत रोकने के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि उन्होंने हमारे साथ बातचीत बंद कर दी है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है। हम फसलों के लिए MSP पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। किसानों का अपनी मांगों पर लगातार जोर देना मौजूदा नीतियों और सरकार की प्रतिक्रिया से उनके असंतोष को रेखांकित करता है। जैसे-जैसे विरोध प्रदर्शन बढ़ रहे हैं,सभी की निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं कि इन मांगों का समाधान कैसे किया जाएगा।