News Haveli, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आम बजट 2025 से एक दिन पहले 31 जनवरी को संसद में आर्थिक सर्वे (Budget Economic Survey 2025) पेश किया। इसमें रोजगार, कृषि, विनिर्माण ((Manufacturing) और जीडीपी ग्रोथ समेत कई पहलुओं पर जानकारी दी गई है। सरकार ने माना है कि कई क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन और भविष्य में अच्छे नतीजों की उम्मीद के बावजूद महंगाई एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
रियल जीडीपी ग्रोथ अनुमान
आर्थिक सर्वे 2024-25 में घरेलू और वैश्विक स्तर पर मौजूद चुनौतियों का उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि विकास दर में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। वित्त वर्ष 2025-26 में रियल जीडीपी ग्रोथ 6.3 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान दिया गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रोथ 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद है। पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में अर्थव्यवस्था 8.4 प्रतिशतकी तूफानी रफ्तार से बढ़ी थी।
रोजगार पर खास जोर
आर्थिक सर्वे में रोजगार पर खास फोकस किया गया है। इसमें बताया कि 2030 तक गैर-कृषि क्षेत्र में सालाना औसतन 78.5 लाख नौकरियों के अवसर के पैदा होंगे। घरेलू अर्थव्यवस्था का फोकस खासतौर पर सर्विस सेक्टर पर रहता है लेकिन अन्य क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने की कोशिश होगी।
89 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास
निर्मला सीतारमण ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत 89 लाख से अधिक घर बन चुके हैं। रियल एस्टेट में पारदर्शिता लाने और घर खरीदारों के हितों की सुरक्षा के लिए सरकार ने Real Estate (Regulation & Development) Act, 2016 बनाया है। इसने लाखों लोगों की शिकायतों का निपटारा किया जिससे आम लोगों का भरोसा बढ़ा है।
महंगाई सरकार एक बड़ी चुनौती
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे में माना है कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) दोनों के लिए महंगाई एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। रिजर्व बैंक ने महंगाई को रोकने के लिए ही लंबे समय से ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। इसे भी अर्थव्यवस्था सुस्त की एक अहम वजह बताया जा रहा था।
कृषि क्षेत्र में 3.5 प्रतिशत रही ग्रोथ रेट
कृषि क्षेत्र की ग्रोथ रेट में सुधार देखने को मिल रहा है। इसकी वजह अनुकूल मौसम और नई तकनीक के साथ सरकारी कोशिश रही। किसानों को पीएम-किसान, डिजिटल एग्रीकल्चर और सिंचाई सुधार जैसी सरकारी योजना से किसानों को फायदा मिला। ड्रोन, सटीक कृषि (Precision Farming) और बेहतर क्वालिटी के बीज की वजह से उत्पादन भी बढ़ा।
सर्विस सेक्टर में आया ज्यादा पैसा
आर्थिक सर्वे के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल से सितंबर तक 29.8 अरब डॉलर प्रत्य़क्ष विदेशी निवेश (FDI) आया था। इसमें सबसे अधिक 5.7 अरब डॉलर का एफडीआई (FDI) सर्विस सेक्टर में आया। इससे जाहिर होता है कि विदेशी निवेशकों को सर्विस सेक्टर में ज्यादा संभावनाएं नजर आ रही हैं और वे इसमें ज्यादा पैसे लगा रहे हैं।
इनोवेशन को बढ़ावा देने पर फोकस
आर्थिक सर्वे में इनोवेशन को बढ़ावा देने पर फोकस करने की भी कही है। इसमें जोर दिया गया है कि इसके लिए सरकार को ही पहल करनी होगी। इसके लिए नीतिगत उलझनें कम करनी होगी। साथ ही, व्यवसायों को अपने कोर मिशन पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इससे इनोवेशन और कंपटीशन की भावना बढ़ सकती है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए विदेश पर निर्भरता घटाना
सरकार का फोकस इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के उत्पादन पर काफी अधिक है लेकिन इनका उत्पादन काफी हद तक आयात पर टिका है। इससे देश का व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है। सरकार मेक इन इंडिया (Make In India) के अंतर्गत घरेलू सप्लाई चेन को मजबूत करना चाहती है। इससे लंबी अवधि में इलेक्ट्रिक वाहनों का कारोबार आत्मनिर्भर हो सकेगा।
राजमार्ग और जल जीवन मिशन पर जोर
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान में 5,853 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए गए हैं। साथ ही, जल जीवन मिशन के तहत 12 करोड़ से ज्यादा परिवारों को पाइप से पीने का पानी मिल चुका है।
वंदे भारत ट्रेन, रेल नेटवर्क विस्तार पर फोकस
आर्थिक सर्वे में रेलवे सेक्टर पर भी खास फोकस किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अप्रैल और नवंबर 2024 के बीच 2031 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क चालू किया गया। वहीं, अप्रैल और अक्टूबर 2024 के बीच वंदे भारत ट्रेनों के 17 नए पेयर शुरू किए गए।
38 प्रतिशत की दर से बढ़ा सरकारी खर्च
आर्थिक सर्वे के अनुसार, सरकार आधारभूत ढांचे (infrastructure) बेहतर करने पर काफी जोर दे रही है। वित्त वर्ष 2020 से लेकर 2024 तक सरकारी खर्च (capital Expenditure) 38.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। हालांकि, लोकसभा चुनाव के चलते वित्त वर्ष 2025 में खर्च में कुछ कमी आई। यह चुनाव के बाद जुलाई से नवंबर 2024 के बीच बढ़ा है जिससे आधारभूत ढांचे को संबल मिला है।