Sat. Apr 19th, 2025

Category: Life style

झारखण्ड : सादे भोजन की परम्परा

झारखण्ड के पारम्परिक भोजन में मुख्य रूप से रागी या गेहूं के आटे की रोटी, भात, दाल, चोखा, सब्जी, दाल, घुगनी, चटनी, अचार, पापड़ और घी शामिल होता है। अनुवन्दना…

सौराष्ट्र : परम्परागत पकवानों पर मसालेदार छौंका

सौराष्ट्र के कई व्यंजनों को बनाने में चाने की दाल और बेसन का इस्तेमाल किया जाता है। यहां की थाली में आमतौर पर गेहूं अथवा बाजरे की रोटी होती है।…

मालवा : उर्वरा धरती, देसी स्वाद

शस्य श्यामला मालवा की धरती के वाशिन्दे मुख्यतः शाकाहारी हैं। मालवा के मालपुए प्रसिद्ध हैं। राजा भोज ने “श्रृंगार प्रकाश” में अवन्ति (उज्जैन) के अपूप या मालपुए की प्रसिद्धि की…

असम : भोजन की समृद्ध परम्परा

असम प्रचीन काल से ही सनातन धर्म का प्रमुख केन्द्र रहा है जिस कारण यहां गोरूर पायस समेत तरह-तरह के शाकाहारी व्यंजन बनाने की कला विकसित हुई। चावल यहां का…

ओडिशा : समुद्र के किनारे शाकाहार की बहार

ओडिशा के लोग कद्दू, कच्चा पपीता, आलू, बैगन, पालक, टमाटर आदि के दीवाने हैं। हालांकि झींगा और मछली की तरह-तरह की डिश भी मिलती हैं। अनुवन्दना माहेश्वरी भारत की भोजन…

कर्नाटक : मसालेदार भोजन की सुवास

न्यूज हवेली नेटवर्क दक्षिण भारत के तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश और केरल की तरह कर्नाटक के पकवान भी दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं, हालांकि यहां तीखे मसालों का इस्तेमाल अपेक्षाकृत कम होता…

अपामार्ग : मनुष्य के सभी रोगों को दूर करने वाली औषधि

अथर्ववेद में अपामार्ग समेत 288 जड़ी-बूटियों का उल्लेख है। ऋग्वेद में 67 और यजुर्वेद में 82 जड़ी-बूटियों का उल्लेख मिलता है। पंकज गंगवार जब भी मेरे पास कुछ अतिरिक्त समय…

पश्चिम बंगाल : पकवानों की धरती

बंगालियों को सरसों के तेल से तैयार भोजन ही रास आता है। कद्दू, गोभी जैसी सब्जियां हों या मछलियों की तरह-तरह की डिश, इनमें सरसों के तेल का ही इस्तेमाल…

केरल : “मसालों की धरती” की सुगन्ध

केरल में स्वादिष्ट शाकाहारी व्यंजनों की लम्बी श्रृंखला है तो समुद्र तटीय राज्य होने की वजह से मछली, झींगा और केकड़े के भी तरह-तरह के व्यंजन बनाये जाते हैं। केरल…