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Category: Heritage

घृष्‍णेश्‍वर ज्योतिर्लिंग : परम भक्त घुष्मा की प्रार्थना पर यहां विराजे शिवजी

Grishneshwar : घृष्‍णेश्‍वर मन्दिर में गर्भगृह का आकार 17 गुणा 17 फीट है जो अन्य ज्योतिर्लिंग मन्दिरों के गर्भगृहों की अपेक्षा अधिक बड़ा है। इस कारण श्रद्धालुओं को पूजन और…

चेन्नाकेशव मन्दिर बेलुरु: होयसल वास्तुकला का रत्न

Chennakeshava Temple Beluru: होयसल वंश के राजा विष्णुवर्धन ने 1116 ईसवी में चोलों पर अपनी जीत के उपलक्ष्य में चेन्नाकेशव मन्दिर (Chennakesava Temple Beluru) का निर्माण करवाया था। माना जाता…

माण्डू में पहाड़ पर जहाज

Jahaz Mahal : मध्य प्रदेश के माण्डू में स्थित जहाज महल (Jahaz Mahal) अपनी सुन्दर महराबों, मण्डपों आदि के कारण बहुत प्रसिद्ध है। इसमें हिन्दू अलंकरणों का प्रयोग बहुत ही…

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग : विष हरने वाले भगवान

Shri Nageshwar Jyotirlinga: नागेश्वर मन्दिर विष और विष से सम्बन्धित रोगों से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध है। नागेश्वर शिवलिंग (Nageshwar Shivalinga) गोल काले पत्थर वाली द्वारका शिला पर त्रि-मुखी रुद्राक्ष…

होयसलेश्वर : ऐसा मन्दिर जो 90 साल बनने के बाद भी रहा अधूरा

Hoysaleshwara Temple : बारहवीं सदी के होयसलेश्वर मन्दिर को हेलीबीडु मन्दिर भी कहा जाता है और यह भगवान शिव को समर्पित है। इसका निर्माण होयसल साम्राज्य के अधिपति महाराजा विष्णुवर्धन…

त्र्यम्बकेश्वर : कुण्ड में विराजे ब्रह्मा, विष्णु, महेश

त्र्यम्बकेश्‍वर मन्दिर काले पत्‍थरों से बना है। मंदिर का स्‍थापत्‍य अद्भुत है। इस प्राचीन मन्दिर का पुनर्निर्माण तीसरे पेशवा बालाजी अर्थात नाना साहब पेशवा ने करवाया था। इसका जीर्णोद्धार वर्ष…

श्री चामुण्डेश्वरी मन्दिर : मैसूर में इसी स्थान पर हुआ था महिषासुर का वध

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस चामुण्डी पहाड़ी पर श्री चामुण्डेश्वरी मन्दिर स्थित है, उसी स्थान पर माता चामुण्डा ने महिषासुर का वध किया था। यह तीर्थ स्थान 18 महा शक्तिपीठों…

राजगीर : तीन धर्मों की पावन भूमि

Rajgir: पटना से 100 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच बसा राजगीर (Rajgir) ब्रह्मा की पवित्र यज्ञ भूमि, संस्कृति और वैभव का केन्द्र तथा जैन धर्म के…

भोरमदेव मन्दिर : छत्तीसगढ़ का खजुराहो

Bhoramdev Temple : मैकल पर्वत समूह के बीच में भोरमदेव मन्दिर करीब पांच फीट ऊंचे चबूतरे पर बनाया गया है। मन्दिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्व की ओर है जिस…

जिंजी किला : कई साम्राज्यों के उत्थान और पतन का गवाह

Jinji Fort को दुर्गम पहाड़ियों के बीच इस तरह बनाया गया है कि छत्रपति शिवाजी ने इसको भारत का सबसे “अभेद्य दुर्ग” कहा था। अंग्रेज इसे “पूरब का ट्रॉय” कहते…