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Category: Heritage

Kedarnath Jyotirlinga : केदारनाथ : पांच नदियों की भूमि पर शिव का धाम

केदारनाथ मन्दिर (Kedarnath Temple) को बनाने के लिए इस्तेमाल किये गये पत्थरों को एक-दूसरे से जोड़ने के लिए इण्टरलॉकिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसके कारण ही यह मंदिर…

Tripurantakeshwar Temple : त्रिपुरान्तकेश्वर मन्दिर : चालुक्य राजवंश की विरासत

शिवमोग्गा जिले के बल्लिगावी (बल्ला) गांव में स्थित त्रिपुरान्तकेश्वर मन्दिर भगवान त्रिपुरान्तक यानी शिव को समर्पित है। इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में पश्चिमी चालुक्य वंश के राजाओं ने करवाया था।…

ककनमठ : मध्य प्रदेश का “अजूबा मन्दिर”

Kakanmath Temple : ककनमठ मन्दिर (Kakanmath Temple) को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। हालांकि उसने यह भी कहा है…

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग : सह्याद्रि पर्वत पर विराजित मोटेश्वर महादेव

Bhimashankar Jyotirling: वास्तुकला की नगाड़ा शैली में बनाया गया भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मन्दिर श्रद्धालुओं के लिए प्रातः पांच बजे से रात्रि के 9:30 बजे तक खुला रहता हैं। सोमवार के प्रदोषम,…

Vaidyanath Jyotirlinga : वैद्यनाथ : चिता भूमि पर शिव का धाम

Vaidyanath Jyotirlinga: श्री शिव महापुराण के अनुसार झारखण्ड के जसीडीह रेलवे स्टेशन के समीप स्थित देवघर का श्री वैद्यनाथ शिवलिंग ही वास्तविक वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग है। द्वादश ज्योतिर्लिंग की गणना के…

एतमादुद्दौला का मकबरा : एक बेटी की पिता को श्रद्धांजलि

Tomb of Itmad-ud-Daula : एतमादुद्दौला के मकबरे में कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें बाद में ताजमहल बनाते समय अपनाया गया था। इनमें मुख्य है नक्काशी। हालांकि जानकारों का कहना है…

महाकालेश्वर : यहां दक्षिणमुखी होकर विराजमान हैं कैलासपति

Mahakaleshwar Jyotirlinga : स्वयंभू, भव्य और दक्षिणमुखी होने के कारण महाकालेश्वर महादेव (Mahakaleshwar Mahadev) की अत्यन्त पुण्यदायी महत्ता है। ऐसी मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से ही मोक्ष की…

चेन्नाकेशव मन्दिर सोमनाथपुरा : होयसल राजवंस की विरासत

Chennakeshava Temple Somnathpura: कावेरी नदी के तट पर स्थित प्रसन्ना चेन्नाकेशव मन्दिर मुख्य सड़क से करीब छह किलोमीटर दूर है। यह होयसल शासनकाल के सबसे अच्छी तरह से संरक्षित मन्दिरों…

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग : यहां शाप मुक्त हुए थे चन्द्रदेव

Somnath Jyotirlinga : सोमनाथ मन्दिर (Somnath Temple) तीन प्रमुख भागों में विभाजित है- गर्भगृह, सभामण्डप और नृत्यमण्डप। इसका शिखर 150 फुट ऊंचा है। शिखर पर स्थित कलश का वजन 10…

Mallikarjuna Jyotirlinga : मल्लिकार्जुन : श्रीशैल पर्वत यानी दक्षिण भारत का कैलास

Mallikarjuna Jyotirlinga: पुराणों में वर्णित है कि अपने नाराज ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय को मनाने कि लिए भगवान शिव अपनी पत्नी देवी पार्वती के साथ दक्षिण भारत में पहुंचे। यहां वे…