Mon. May 12th, 2025
allahabad high court

MONAL

News Haveli, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने ट्रायल कोर्ट (Trial Court) की लंबी प्रक्रिया में फंसे लोगों के लिए एक अहम आदेश पारित किया है। अपने एक फैसले में उसने कहा है कि ट्रायल में देरी होने पर अभियुक्त को राहत पाने का अधिकार है। अगर अभियुक्त लंबे समय से जेल में बंद है और ट्रायल के जल्द पूरा होने की संभावना नहीं है तो उसे राहत पाने का अधिकार (Rights of the accused) है। हाई कोर्ट ने इसी के साथ आरोपी की जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने इस आदेश में कहा कि यह स्थापित कानून है कि जमानत ट्रायल के दौरान अदालत में अभियुक्त की हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए दी जाती है। इसी के साथ हाई कोर्ट ने हत्या के आरोप में 7 साल 9 महीने से जेल में बंद अभियुक्त की सशर्त जमानत मंजूर कर ली। साथ ही अभियुक्त को व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूति लेकर रिहा करने का निर्देश दिया।

गोरखपुर के झंगहा थाना क्षेत्र का है मामला

न्यायामूर्ति कृष्ण पहल ने गोरखपुर के झंगहा थाना इलाके के सर्वजीत सिंह की दूसरी जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई तथ्य पेश नहीं किया गया जिससे पता चले कि अभियुक्त भाग जाएगा या गवाहों पर दबाव डालेगा। यह अफसोसजनक है कि एक व्यक्ति 7 साल 9 महीने से जेल में बंद है।

याची को हत्या और जानलेवा हमले के आरोप में गिरफ्तार कर 23 मई 2017 को जेल भेज दिया गया। मामले में 16 अगस्त 2017 को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है और सेशन कोर्ट ने 25 जनवरी 2018 को आरोप तय कर दिए। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ट्रायल के 16 गवाहों में से अब तक केवल 3 का ही परीक्षण किया जा सका है। 3 अभियुक्त अब तक फरार हैं। ट्रायल 25 अक्टूबर 2019 से रुका हुआ है। हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों के हवाले से कहा कि ट्रायल पूरा होने में देरी हो तो अभियुक्त को जमानत पाने का अधिकार है।

2 thought on “बड़ा फैसला = ट्रायल में देरी पर अभियुक्त को राहत पाने का अधिकार : इलाहाबाद हाई कोर्ट”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *