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भक्तों के वर्ष में केवल चार दिन स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता था लेकिन इस बार वे लगातार दूसरे वर्ष पांच दिन मां के दर्शन कर सकेंगे।

वाराणसी। पांच दिवसीय दीप पर्व पर स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णा पहली बार भक्तों पर चांदी और नवरत्नों का खजाना लुटाएंगी। सिक्के और लावे के साथ ही श्रद्धालुओं को पहली बार चांदी, पीतल और तांबे के सिक्के प्रसाद स्वरूप दिए जाएंगे। 29 अक्तूबर को धनतेरस से अन्नकूट तक भक्तजन मां अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन कर सकेंगे।

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अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत शंकर पुरी महाराज ने बांसफाटक स्थित अन्नक्षेत्र के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 29 अक्तूबर को तड़के 3:30 बजे अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट खुल जाएंगे। उन्होंने कहाल कि धनतेरस पर इस बार बहुत ही शुभ योग निर्मित हो रहा है। देश में समृद्धि रहेगी और कोष भरा रहेगा।

महंत शंकर पुरी ने बताया कि मां अन्नपूर्णा के पूजन और श्रृंगार के बाद आम श्रद्धालु भोर में पांच बजे से माता के दर्शन कर सकेंगे। इस बार खजाने के रूप में सिक्के और लावा के साथ 30 किलोग्राम चांदी के सिक्के, पीतल और तांबे के सिक्के भी भक्तों को बांटे जाएंगे। 2 नवंबर को अन्नकूट महोत्सव के दिन लड्डुओं की झांकी सजाई जाएगी। रात 11.30 बजे माता की महाआरती संपन्न होगी। इसके बाद एक वर्ष के लिए स्वर्णमयी अन्नपूर्णा का कपाट बंद कर दिया जाएगा।

महंत शंकर पुरी ने बताया कि धनतेरस के दिन निर्धारित समय से एक घंटा पहले ही अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। पांच दिनो तक श्रद्धालु मां अन्नपूर्णा, मां भूमि देवी, महालक्ष्मी और महादेव के रजत विग्रह के दर्शन कर सकेंगे।

अभिजीत मुहूर्त में भोर में माता के पूजन और आरती के बाद खजाने की पूजा की जाएगी। भक्तों के वर्ष में केवल चार दिन स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता था लेकिन इस बार वे लगातार दूसरे वर्ष पांच दिन मां के दर्शन कर सकेंगे।

बांसफाटक से मिलेगा प्रवेश

मां अन्नपूर्ण के दुर्लभ दर्शन के इन पांच दिनों में लाखों भक्तों के आने की संभावना है। इनमें वाराणसी से बाहर के भी श्रद्धालु होंगे। ऐसे में व्यवस्थाओं को दुरुस्त का जा रहा है। धनतेरस पर भक्तों को बांसफाटक से होते हुए गेट नंबर एक ढुंढिराज से मां अन्नपूर्णा मंदिर पहुंचेंगे। मंदिर में बनी अस्थायी सीढि़यों से होते हुए स्वर्णमयी माता के दर्शन कर श्रद्धालु कालिका गली से बाहर निकलेंगे। बांसफाटक से गोदौलिया तक बैरिकेडिंग कराई जा रही है। प्रबंधक काशी मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा के लिए कैमरों की संख्या बढ़ा दी गई है। कंट्रोल रूम के जरिये निगरानी की जाएगी। जगह-जगह सेवादार तैनात रहेंगे और सभी दर्शनार्थियों को सुगम दर्शन का इंतजाम रहेंगे। धनतेरस से अन्नकूट तक श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल टीम भी तैनात रहेगी।

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