Sat. Nov 23rd, 2024
laddus given as prasad in tirupati tirumala temple.laddus given as prasad in tirupati tirumala temple.

नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ने तिरुपति तिरुमला मंदिर के लड्डुओं और अन्नदानम के नमूनों की जांच के बाद यह स्तब्ध कर देने वाला खुलासा किया है।

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नई दिल्‍ली। दुनियाभर में रहने वाले एक अरब से अधिक हिंदुओं के प्रमुख आस्था केंद्रों में से एक तिरुपति तिरुमला मन्दिर में प्रसाद के तौर पर मिलने वाले लड्डुओं में मिलावट की बात सामने आयी है। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (National Dairy Development Board) ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए लड्डुओं में चर्बी और बीफ मिले होने की पुष्टि की है। NDDB की रिपोर्ट के अनुसार, तिरुपति तिरुमला मंदिर के लड्डू बनाने में मछली के तेल, बीफ और चर्बी का इस्‍तेमाल किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रसाद के तौर इन लड्डुओं का वितरण न केवल श्रद्धालुओं के बीच किया गया, बल्कि भगवान को भी प्रसाद के तौर पर इसी लड्डू का भोग लगाया जाता था।

तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में तिरुपति लड्डू चढ़ाया जाता है जिसका संचालन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) करता है। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ने तिरुपति तिरुमला मंदिर के लड्डुओं और अन्नदानम के नमूनों की जांच के बाद यह स्तब्ध कर देने वाला खुलासा किया है। आंध्र प्रदेश में सत्तरूढ टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने कहा कि नमूनों की प्रयोगशाला रिपोर्ट प्रमाणित करती है कि तिरुमाला को आपूर्ति किए गए घी को तैयार करने में गोमांस की चर्बी और पशु वसा-लार्ड और मछली के तेल का उपयोग किया गया था।

तिरुपति तिरुमला मन्दिर के प्रसाद में मिलावट की जांच रिपोर्ट।
तिरुपति तिरुमला मन्दिर के प्रसाद में मिलावट की जांच रिपोर्ट।
foreign fat के दायरे में आने वाली सामग्री। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर foreign fat का जिक्र किया गया है।
foreign fat के दायरे में आने वाली सामग्री। जांच रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर foreign fat का जिक्र किया गया है।

आंध्र प्रदेश की राजनीति में तूफान

तिरुपति तिरुमला मंदिर में प्रसाद के तौर पर दिए जाने लड्डू को लेकर आंध्र प्रदेश में राजनीतिक में तूफान उठ खड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने वाईएस जगन मोहन रेड्डी को घेरते हुए आरोप लगाया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने तिरुमला में तिरुपति लड्डू प्रसादम तैयार करने के लिए घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया। यह प्रसाद भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में आने वाले करोड़ों भक्‍तों को दिया जाता है। बुधवार को अमरावती में एनडीए विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने यह भी कहा था कि तिरुमाला के लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाए गए थे।

चंद्रबाबू नायडू ने यह भी कहा कि लड्डू तैयार करने के लिए अब शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जा रहा है। मंदिर में हर चीज को सैनिटाइज किया गया है। इससे गुणवत्ता में सुधार हुआ है। आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने X पर चंद्रबाबू नायडू की टिप्पणी को शेयर करते हुए इस मुद्दे पर जगन मोहन रेड्डी पर निशाना साधा और कहा कि वाईएसआरसीपी सरकार भक्तों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान नहीं कर सकी। नारा लोकेश ने लिखा, “तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हमारा सबसे पवित्र मंदिर है। मैं यह जानकर हैरान हूं कि जगन प्रशासन ने तिरुपति प्रसादम में घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया। जगन और वाईएसआरसीपी सरकार पर शर्म आती है जो करोड़ों भक्तों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान नहीं कर सके।”

मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उनके एक मंत्री के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने X पर लिखा कि चंद्रबाबू नायडू को एक हाई-लेवल कमेटी बनानी चाहिए और सीबीआई (CBI) को सच्चाई का पता लगाने देना चाहिए। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि आंध्र की पिछली वाईएसआर सरकार के हिंदू विरोधी कृत्यों के बारे में हर कोई जानता है। यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और इसे किसी और ने नहीं बल्कि आंध्र के मुख्यमंत्री नायडू ने उठाया है। उन लोगों के ऊपर तुरंत कड़ी कार्रवाई करते हुए सजा दें जिन्होंने तिरुपति के लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया। वाईएसआरसीपी के राज्यसभा सदस्य वाईवी सुब्बा रेड्डी ने भी विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि चंद्रबाबू नायडू राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं। ऐसा करके मुख्यमंत्री ने दिव्य मंदिर तिरुमाला की पवित्रता और करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाई है।

 

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