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Month: April 2024

ढोकाने जलप्रपात के बाद कनरखा में पहाड़ों की गोद में होम स्टे

सुयालबाड़ी से लगभग 55 किलोमीटर दूर पदमपुरी पहुंचने के साथ ही हम लोगों का मन बना कि अब हमें आज का स्टे कनरखा गांव में करना है। नैनीताल से 32…

अल्मोड़ा यात्रा : उत्तराखण्ड की अधिष्ठात्रि देवी मां नन्दा

उत्तराखण्ड के लोग नन्दा देवी को अपनी अधिष्ठात्री देवी मानते हैं। यहां की लोककथाओं में नन्दा को हिमालय की पुत्री कहा जाता है। अल्मोड़ा के नन्दा देवी मन्दिर परिसर में…

लोकताक: इस झील में हैं तैरते द्वीप, राष्ट्रीय उद्यान और भूलभुलैया जैसे रास्ते

पारिस्थितिक स्थिति और जैवविविधता मूल्यों को ध्यान में रखते हुए लोकताक झील (मणिपुरी भाषा में लोकताक पाट) को वर्ष 1990 में रामसर अभिसमय के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि के…

ढोकाने जलप्रपात से कुछ दूर दिवाली की वह रात पहाड़ों के साथ

पहाड़ों और जंगल से गुजरते ऊबड़-खाबड़ पथरीले रास्ते पर हम तीनों पूरी मस्ती के साथ बातियाते चल रहे थे। अभी कुछ ही कदम चले होंगे कि एक नदी सामने दिखी…

न्याय के दरबार से पाताल भुवनेश्वर तक वाया हाट कालिका

उत्तराखण्ड के देव-दरबार केवल देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए ही नहीं, अपितु न्याय के लिए भी जाने जाते हैं। सबसे पहले हम जिला मुख्यालय अल्मोड़ा से आठ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़…

प्रकृति की गोद : सुयालबाड़ी का शानदार ढोकाने जलप्रपात

तकरीबन 30 किलोमीटर का रास्ता तय करने के बाद नैनीताल जिले में बसा एक खूबसूरत गांव आया सुयालबाड़ी जिसकी गोद में थी हमारेी आज की दिन की मन्जिल यानी ढोकाने…

अल्मोड़ा : कुमाऊं की सांस्कृतिक राजधानी की न भूलने वाली यादें

अल्मोड़ा शहर समुद्र की सतह से 1,642 मीटर की ऊंचाई पर एक उल्टे रखे कटोरे के आकार वाली पहाड़ी (कश्यप पर्वत) पर बसा है। कौशिका (कोसी) और शाल्मली (सुयाल) नदियां…

करणी माता मन्दिर : यहां निश्चिन्त होकर घूमते हैं हजारों चूहे

वास्तुकला की इण्डो इस्लामिक (मुस्लिम-राजपूत) शैली पर आधारित करणी माता मन्दिर का निर्माण बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था। मन्दिर के सामने के दरवाजे चांदी के हैं। छत्र…

त्रिउण्ड पर्वत पर ट्रैकिंग : “साइकिल बाबा” से “ट्रायण्ड बाबा” बनने की यात्रा!

मशहूर घुमक्कड़ और पर्यावरण एवं सामाजिक कार्यकर्ता संजीव जिन्दल उर्फ “साइकिल बाबा” अपनी आदत के अनुसार एक बार फिर पिट्ठू बैग लेकर घर से निकल लिये और पहुंच गये हिमाचल…

प्रकृति का अद्वैतवाद : शहर से उकता चुके मन को शांति देने वाली यात्रा

रास्ते में तेज हवा के बीच स्कूटी के साथ आगे बढ़ना काफी मुश्किल हो रहा था पर अन्दर की जिद रास्ता आसान किए हुए थी और इसी तरह का सफर…