यूक्रेन के हमले में रूस की एक बहुमंजिला इमारत का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया और बिल्डिंग के नीचे खड़ी 20 से ज्यादा गाड़ियों को नुकसान पहुंचा। पलटवार में रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के कई शहरों में बम और मिसाइलें दाग की भारी नुकसान पहुंचाया।
मास्को। रूस के सारातोव प्रांत के एंगेल्स में सोमवार को सुबह अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर (26/11) जैसा हमला हुआ। एक ड्रोन 38 मंजिला रिहायशी इमारत से टकराया जिससे चार लोग घायल हो गए। रूस ने इस हमले का आरोप यूक्रेन पर लगाते हुए पलटवार में यूक्रेनी शहर कीव, खारकीव, ओडेसा और लीव समेत 12 शहरों पर 100 मिसाइलें और 100 ड्रोन दागे। यूक्रेनी एयरफोर्स के अधिकारियों ने बताया कि कीव पर हमला 11 TU-95 स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स और किंझल बैलिस्टिक मिसाइलों से किया गया। अभी तक एक रिहायशी इमारत के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। हमले में पांच लोगों के मौत होने की जानकारी भी सामने आई है। रूस का हमला यूक्रेन-पोलैंड के सीमा के नजदीक हुआ पोलैंड के सैन्य अधिकारियों ने सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा कि हमले के बाद पोलिश और नाटो देशों के एयरक्राफ्ट्स को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
यूक्रेन के हमले में रूस की बहुमंजिला इमारत तो नहीं गिरी लेकिन तीन-चार फ्लोर में बड़ा सा छेद हो गया और बिल्डिंग के नीचे खड़ी 20 से ज्यादा गाड़ियों को नुकसान पहुंचा। एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई जिसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। सरातोव यूक्रेन सीमा से 900 किमी दूर है। इस हमले के बाद सभी तरह की एयर रूट पर रोक लगा दी गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस पर सोमवार को 20 ड्रोन से अटैक किया गया। इनमें सबसे ज्यादा नौ सारातोव में दागे गए। मॉस्को के गवर्नर ने हमले का आरोप यूक्रेन पर लगाया है। यूक्रेन ने इस पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है। जानकारी के मुताबिक ड्रोन यूक्रेन की तरफ से दागा गया था। गौरतलब है कि सारातोव के एंगेल्स में रूस का स्ट्रैटजिक बॉम्बर मिलिट्री बेस भी है।
20 दिनों से रूस पर हमलावर है यूक्रेन
ढाई साल से जारी रूस-यूक्रेन जंग में 6 अगस्त 2024 को पहली बार ऐसा हुआ जब यूक्रेन ने रूस में घुसकर उसके कुर्स्क इलाके पर कब्जा कर लिया। तभी से यूक्रेन लगातार रूस पर हमलावर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 20 दिनों में यूक्रेन के हमलों में रूस के 31 नागरिकों की जान जा चुकी ह जबकि 140 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद ऐसा पहली बार है जब रूस की धरती पर किसी विदेशी ताकत ने कब्जा किया हो। यूक्रेन ने दो सप्ताह में रूस के 1263 वर्ग किलोमीटर इलाके पर कब्जा कर लिया था।
हालांकि, जानकारों का कहना है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की यह जीत कम समय के लिए है और हार में बदल सकती है। अभी यूक्रेन का फोकस कुर्स्क पर है जिससे रूस को दोनेस्त्क के पोक्रोवस्क में आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञ तातियाना स्टैनोवाया कहती हैं कि रूस अपनी दूसरे विश्वयुद्ध की रणनीति अपना रहा है। उसकी यह रणनीति रही है कि वह पहले दुश्मन को अंदर आने देता है और फिर घेरकर हमला करता है। इस वजह से यूक्रेन का कुर्स्क अभियान जेलेंस्की के लिए उल्टा साबित हो सकता है।
23 साल पहले वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुआ था हमला
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि एक ड्रोन तेजी से वोल्गा स्काई बिल्डिंग की तरफ बढ़ रहा है और उसमें टक्कर मार देता है। 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकियों ने इस तरीके से प्लेन क्रैश करवाए थे। आतंकवादियों ने 4 प्लेन हाईजैक किए थे। इनमें से 3 प्लेन एक-एक कर अमेरिका की 3 अहम इमारतों में क्रैश कराए गए। पहला क्रैश 8 बजकर 45 मिनट पर हुआ। बोइंग 767 तेज रफ्तार से वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टॉवर से जा टकराया। 18 मिनट बाद एक दूसरा बोइंग 767 बिल्डिंग के साउथ टॉवर से जा टकराया था। एक प्लेन अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यानी पेंटागन से
टकराया। चौथा प्लेन एक खेत में ही क्रैश हो गया। 9/11 हमले में 93 देशों के 3 हजार लोग मारे गए थे। इसे मानव इतिहास का सबसे भीषण आतंकवादी हमला माना जाता है।