IMD के अनुसार इस बार मानसून (monsoon) अनुमान से पहले ही 30 मई को केरल के तट पर पहुंच गया था और अब यह पांच जून से पहले ही पश्चिम बंगाल में भी प्रवेश कर चुका है। मानसून के अगले दो से तीन दिन में आगे बढ़ने की संभावना है। इससे दिल्ली समेत उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में चिलचिलाती गर्मी से कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है।
नई दिल्ली। ज्येष्ठ माह में भीषण गर्मी (severe heat) से बेहाल कर देने वाला नौतपा (25 मई से 2 जून 2024) खत्म हो चुका है, केरल के रास्ते मानसून (monsoon 2024) देश में प्रवेश कर चुका है पर उत्तर भारत, मध्य भारत और पूर्वी भारत के कई इलाकों में लू (heat wave) का कहर जारी है। फिलहाल किसी भी तरह की राहत के आसार नहीं लग रहे हैं पर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आश्वस्त किया है कि चार जून के बाद लू की तीव्रता में कमी आएगी और छह जून के बाद राहत मिलने लगेगी।
IMD के अनुसार इस बार मानसून (monsoon) अनुमान से पहले ही 30 मई को केरल के तट पर पहुंच गया था और अब यह पांच जून से पहले ही पश्चिम बंगाल में भी प्रवेश कर चुका है। मानसून के अगले दो से तीन दिन में आगे बढ़ने की संभावना है। इससे दिल्ली समेत उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में चिलचिलाती गर्मी से कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है। कुछ राज्यों से पांच जून से लू (heat wave) के थपेड़ों का असर कम होने लगेगा। चार जून से राजस्थान के छिटपुट स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश देखी जा सकती है। इस दौरान यहां पर तेज हवाएं भी चलने की संभावना है। पांच और छह जून को पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में तेज हवाएं चल सकती हैं। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज जल्द ही बदल सकता है और जनता को भीषण गर्मी से थोड़ी-बहुत राहत मिल सकती है। दक्षिण पश्चिम मनसून (monsoon) का विस्तार अगले दो से तीन दिन में कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों के साथ ही तटीय आंध्र प्रदेश तक हो सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, रेमल चक्रवात के कारण मानसून बंगाल की खाड़ी में मजबूत हुआ है जिससे यह पूर्वोत्तर भारत तक पहुंच गया है, लेकिन अभी अरब सागर में कमजोर है। इसलिए मानसून के उत्तर पश्चिम तक पहुंचने में देरी हो सकती है। मानसून को फिर से सामान्य होने में कुछ दिन और लगेंगे। इससे दक्षिण महाराष्ट्र और बाद में उत्तर-पश्चिम भारत में भी मानसून (monsoon) के प्रवेश में देरी हो सकती है। ऐसा अनुमान है कि जून में उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवात रेमल के कारण अगले पांच दिनों में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखम्ड में हल्की बारिश, तूफान और तेज हवाएं चलने की संभावना है।
उत्तर और पश्चिम में कम हो रहा लू का प्रकोप
हालांकि इन दिनों कुछ शहरों का तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया। हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के स्थानों में 45 से 46 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। मध्य प्रदेश के एक दो स्थानों, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में भी एक दो स्थानों पर तापमान 45-46 डिग्री देखा गया जबकि झारखंड के डाल्टेनगंज में 46 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। ओडिशा में कुछ जगहों पर तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने कहा कि आने वाले तीन से चार दिनों में झारखंड और बिहार में आंधी और तेज हवाओं का दौर देखने को मिल सकता है। इसके अलावा ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल के इलाकों में भी तेज हवाओं का दौर देखा जा सकता है।