शपथ लेने के बाद व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा, “हम और मजबूत होंगे। हम उन देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करेंगे जो हमें दुश्मन समझते हैं। मैं जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए हरसंभव कोशिश करूंगा।” इससे पहले उन्हें सेना की 21 तोपों सलामी दी गयी।
मास्को। व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं। मंगलवार को उन्होंने मॉस्को के ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस में 33 शब्दों में शपथ ली। यह वही जगह है जहां रूस के जार परिवार के तीन राजाओं (एलेक्जेंडर द्वितीय, एलेक्जेंडर तृतीय और निकोलस द्वितीय) की ताजपोशी हुई थी। गौरतलब है कि रूस में बीते 15-17 मार्च को हुए चुनाव में पुतिन को 88% वोट मिले थे। उनके विरोधी निकोले खारितोनोव को सिर्फ 4% वोट मिल पाये।
शपथ लेने के बाद व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा, “हम और मजबूत होंगे। हम उन देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करेंगे जो हमें दुश्मन समझते हैं। मैं जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए हरसंभव कोशिश करूंगा।” इससे पहले उन्हें सेना की 21 तोपों सलामी दी गयी।
रूस में हुए पुतिन के शपथ ग्रहण समारोह का अमेरिका, ब्रिटेन और कई यूरोपीय देशों ने बहिष्कार किया है। पुतिन ने साल 2000 में पहली बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसके बाद से 2004, 2012 और 2018 में भी वे राष्ट्रपति बन चुके हैं।
पुतिन के संबोधन की बड़ी बातें (Major points of Vladimir Putin’s address)
-हम पश्चिमी देशों के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। यह उन पर निर्भर करता है कि वे हमसे बातचीत करना चाहते हैं या नहीं।
-पश्चिमी देशों ने लगातार रूस में विकास को रोकने की कोशिश की है। वे सालों से हमारे खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाते आए हैं।
-हम यूरोप और एशिया में अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर मल्टीपोलर वर्ल्ड ऑर्डर के लिए काम करते रहेंगे। हम चाहते हैं कि सभी देशों के पास एक जैसी सुरक्षा व्यवस्था हो।
-आजादी और एकता बनाए रखने के लिए रूस का सोशल-पॉलिटिकल सिस्टम लचीला होना चाहिए। हमें हर वक्त किसी भी चुनौती या खतरे के लिए तैयार रहना होगा।
सामने हैं कई चुनौतियां
पुतिन ने ऐसे समय में रूसी राष्ट्रपति का पद पांचवीं बार संभाला है, जब उन पर देश में विपक्ष को कुचलने का आरोप लग रहा है और पश्चिम के साथ टकराव काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है। रूस की सत्ता में लगातार मजूबत होते रहे पुतिन के सामने अपने इस कार्यकाल में कई तरह की चुनौतियां होंगी। खासतौर से यूक्रेन में युद्ध का संकट उनके सामने एक बड़ी चुनौती है।
पुतिन के मुख्य प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की आर्कटिक जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत के बाद मार्च में हुए चुनाव को पश्चिम ने एक दिखावा करार दिया है। रूस में पुतिन के ज्यादातर विरोधी या तो जेल में हैं या देश छोड़ चुके हैं। 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद सत्ता पर पुतिन की पकड़ और मजबूत होती रही है लेकिन इसके चलते रूस पश्चिमी प्रतिबंधों का भी सामना कर रहा है, जिससे रूसी अर्थव्यवस्था को काफी झटका लगा है। अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए कदम उठाने की चुनौती पुतिन के सामने होगी। यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिम के बैन को देखते हुए पुतिन ने ऊर्जा निर्यात में वृद्धि के साथ भारत और चीन को लुभाने के लिए पूर्व की ओर रुख किया है।
पुतिन ने इस साल मार्च में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भारी जीत हासिल की थी। वह दो दशक से ज्यादा समय से रूस की सत्ता पर काबिज हैं। अगस्त 1999 में उन्हें प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया था। दिसंबर 1999 को वो कार्यवाहक राष्ट्रपति बने। पुतिन ने 2000 में पहली बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसके बाद से 2004, 2012 और 2018 में भी वे राष्ट्रपति बन चुके हैं। अब पांचवी बार उन्होंने रूस के राष्ट्रपति का पद संभाला है।