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टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडियाटेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया

TRAI’s decision: सब्सक्राइबर्स की बढ़ती संख्या की वजह से मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए नया चैलेंज खड़ा हो गया है। यही वजह है कि अब इसको लेकर एक जमीन तैयार की गई है और TRAI ने नेशनल नंबरिंग प्लान (National Numbering Plan) को रिवाइस करने का फैसला किया है। इससे पहले साल 2003 में भी ऐसा ही फैसला लिया गया था।

नई दिल्ली। भारत में मोबाइल फोन सेवा में सुधार के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) समय-समय पर बड़े फैसले लेती रहती है। TRAI ने ऐसा ही एक और बड़ा फैसला करते हुए मोबाइल फोन डिजिट को 10 से बढ़ाने का फैसला किया है। दावा किया जा रहा है क् नंबरिंग प्लान में 21 साल बाद किए जा रहे इस बदलाव की वजह से नंबरों का आंकड़ा 10 से बढ़ाकर 11 से 13 तक हो सकता है।

 दरअसल, देश में 5G नेटवर्क आने के बाद मोबाइल नंबरिंग में लगातार परेशानी हो रही है। सब्सक्राइबर्स की बढ़ती संख्या की वजह से मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए नया चैलेंज खड़ा हो गया है। सर्विस भी लगातार बढ़ रही हैं तो इसके लिए अलग से नंबरिंग लाने पर विचार किया जा रहा है। यही वजह है कि अब इसको लेकर एक जमीन तैयार की गई है और TRAI ने नेशनल नंबरिंग प्लान (National Numbering Plan) को रिवाइस करने का फैसला किया है। इससे पहले साल 2003 में भी ऐसा ही फैसला लिया गया था। नेशनल नंबरिंग प्लान की मदद से टेलीकम्युनिकेशन आइडेंटिफायर की पहचान की जाती है और ये अहम भूमिका निभाते हैं। अब लगातार मोबाइल यूजर्स की संख्या बढ़ती जा रही है।

देशभर में 750 मिलियन टेलीफोन कनेक्शन के लिए वर्ष 2003 में नंबरिंग रिसोर्स (Numbering Resources) एलोकेट किया गया था। आब 21 साल बाद नंबरिंग रिसोर्स रिस्क के दायरे में आ गया है। नेटवर्क प्रोवाइडर्स की तरफ से सर्विस में भी लगातार बदलाव किया गजा रहा है।  इसकी वजह से नंबर ऑफ कनेक्शन की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। भारत में टेलीफोन सब्सक्राइबर्स की संख्या भी लगातार बदलती जा रही है और 31 मार्च तक यह करीब 85 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

 

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