मुझे तीस से भी ज्यादा वर्ष हो गये हैं ट्रैकिंग और हाईकिंग करते हुए। अपने इस सुदीर्घ अनुभव के आधार पर ट्रैकिंग के लिए कुछ टिप्स देने का प्रयास कर रहा हूं।
संजीव जिन्दल
मैं स्वभाव से ही घुमक्कड़ हूं और ट्रैकिंग (Tracking) मेरा जुनून है। जब भी मौका मिलता है, निकल पड़ता हूं पहाड़ों की ओर। पहाड़ मुझे आमन्त्रित करते हैं, चुनौती देते हैं और चुनौती को स्वीकार कर उसे पार पाने पर असीम आनन्द। पहाड़ों के ट्रैक नापने की इसी आदत के चलते दारमा, त्रिउण्ड (ट्रायण्ड) और खीरगंगा समेत न जाने कितने दुरूह पहाड़ी रास्तों पर ट्रैकिंग कर चुका हूं। (Tracking is a sport, a hobby or a mess!)
लोग अक्सर मुझसे सवाल करते हैं, “ट्रैकिंग क्या है, खेल, शौक या पंगा?” दोस्तों, यदि आपको शौक हो तो ट्रैकिंग बहुत ही प्यारा खेल है और जो लोग ट्रैकिंग के नियम-कायदों को नहीं मानते केवल उन्हीं के लिए यह पंगा है। कुछ छोटी-छोटी बातों का यदि आप ध्यान रखें तो इस खेल का बहुत ही आनन्द ले सकते हैं। मुझे तीस से भी ज्यादा वर्ष हो गये हैं ट्रैकिंग (Tracking) और हाईकिंग करते हुए। अपने इस सुदीर्घ अनुभव के आधार पर ट्रैकिंग के लिए कुछ टिप्स देने का प्रयास कर रहा हूं।
*कभी भी ओवर कॉन्फिडेंस नहीं करना। कहते हैं ना, अच्छा तैराक ही डूबता है। इसलिए अपने आप को तुर्रम खां ना समझें और ट्रैकिंग पर किसी न किसी ग्रुप में जाएं या पर्सनल गाइड जरूर करें। यदि आप ग्रुप में जा रहे हैं और ज्यादा वजन नहीं उठा सकते हैं तो पर्सनल पोर्टर जरूर कर लें।
*ट्रैकिंग (Tracking) में जूतों की बहुत बड़ी भूमिका है। आमतौर पर लोग समझते हैं हैं कि स्पोर्ट्स शूज ट्रैकिंग के लिए ठीक रहेंगे। यह बहुत बड़ी गलतफहमी है। हमेशा ट्रैकिंग वाले जूते ही पहनें क्योंकि इनका सोल रबर का होता है और रबर हर सरफेस पर अच्छी पकड़ बनाती है। एक जोड़ा सैण्डल भी जरूर साथ रखें और वह भी ट्रैकिंग वाली होनी चाहिए क्योंकि बारिश से या रास्ते में बहते हुए पानी से आपके जूते भीग सकते हैं।
*जींस या ट्राउजर पहन कर कभी भी ट्रैकिंग ना करें। हमेशा स्ट्रेचेबल लोअर पहन कर ही ट्रैकिंग पर निकलें। यदि आप कम ठण्डे इलाके में ट्रैकिंग कर रहे हैं तो शॉर्ट्स भी चल सकते हैं। लोअर और शॉर्ट्स हमेशा क्विक ड्राई कपड़े के होने चाहिए, कॉटन के नहीं। एक और बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि अंडरवियर कभी भी सूती कपड़े का नहीं होना चाहिए क्योंकि कॉटन के अंडरवियर को पहन कर ज्यादा चलने पर रैशेज पड़ जाते हैं। ट्रैकिंग के लिए क्विक ड्राई कपड़े के बने अंडरवियर ही ठीक रहते है। यह बॉडी फिट होता है और इससे रैशेज नहीं पड़ते।
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*एक ऊनी जैकेट या स्वेटर और एक डाउन फैदर जैकेट ठण्ड से बचने के लिए पर्याप्त हैं। इन दोनों का वजन बहुत कम होता है इसलिए आपको कोई दिक्कत नहीं होगी।
*ज्यादातर ट्रैक सर्द इलाकों में हैं। ऐसी जगहों पर ट्रैकिंग (Trekking) करते समय भी लगातार पसीना आता रहता है पर प्यास महसूस नहीं होती है। यह बहुत बड़े खतरे की घण्टी है और ज्यादातर लोगों से यही गलती होती है, यानी वे पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं और डिहाइड्रेशन हो जाता है। ट्रैकिंग के दौरान हर 10-15 मिनट के बाद दो-दो घूंट पानी जरूर पीते रहें। कोल्ड ड्रिंक भूल कर भी ना पिएं, यदि मन करे तो माझा और फ्रूटी जैसे फ्रूट ड्रिंक पी सकते हैं। रास्ते में खाने के लिए सूखे मेवे, चॉकलेट और स्नीकर्स अपने साथ जरूर रखें।
*पहाड़ का एक उसूल है कि चढ़ाई पर हमेशा हाथी की चाल से चलें। मतलब कि धीरे-धीरे और छोटे-छोटे कदम रखते हुए और नीचे अपने कदमों को देखते हुए आगे बढ़ते रहें, आराम कम से कम करें और धीरे-धीरे चलते रहें। तेजी दिखाओगे तो ट्रैकिंग आपके लिए पंगा हो जाएगी। ज्यादातर दुर्घटनाएं पहाड़ से उतरते समय होती हैं क्योंकि हम तेज चलना या भागना शुरू कर देते हैं और पत्थर में अटक कर, फिसल कर अथवा सन्तुलन बिगड़ जाने की वजह से गिर जाते हैं। कृपया उतराई भी कुदरत के नजारों को देखते हुए धीरे-धीरे करें।
*ट्रैकिंग स्टिक यानी छड़ी का इस्तेमाल जरूर करें। करीब 1200 रुपये में बहुत ही शानदार फोल्डिंग ट्रैकिंग स्टिक मिल जाती है। चढ़ाई के समय स्टिक का साइज छोटा रखा जाता है ताकि आप आगे झुके रहें, आपका वजन आगे रहे और चढ़ाई आराम से हो जाए। उतरते समय स्टिक लम्बी रखी जाती है ताकि आप सीधे रहें और आपका वजन पीछे की ओर हो।
*ट्रैकिंग करते समय आपको गर्मी लगेगी पर कोई ना कोई गर्म कपड़ा जरूर पहने रहें क्योंकि ऐसा न करने पर जब आप आराम करने के लिए रुकेंगे तो ठण्डी हवा आपके शरीर को जकड़ देगी।
*मेरी एक और सलाह को गांठ बांध लीजिये, ट्रैकिंग करते समय काम आएगी। यदि आप रेग्युलर एक्सरसाइज यानी नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते हैं तो तो ट्रैकिंग पर जाने से 15 दिन पहले हर रोज कम से कम पांच किलोमीटर पैदल चलना शुरू कर दीजिए।
यदि आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो ट्रैकिंग आपके लिए कभी भी पंगा ना होकर एक बहुत ही शानदार साहसिक खेल होगी जिसमें आपको बहुत ही मजा आएगा।
अपने इस “साइकिल बाबा” के नुस्खे अपनाते रंहें और जिन्दगी का मजा लेते रहें।
ट्रैकिंग के लिए आवश्यक सामान (Essential items for trekking)
ट्रैकिंग शूज, ट्रैकिंग सैण्डल, ट्रैकिंग स्टिक, स्ट्रेचेबल लोअर, क्विक ड्राई वस्त्र का अंडरवियर, ऊनी जैकेट या स्वेटर, डाउन फैदर जैकेट, ऊनी टोपी, पेयजल, सूखे मेवे, चॉकलेट, स्नीकर्स।
नोट : अपरिचित और दुर्गम ट्रैक पर पर्सनल गाइड और पर्सनल पोर्टर अवश्य हायर करें।
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भारत के कुछ प्रमुख ट्रैक (Some major tracks of India)
गोमुख तपोवन ट्रैक (Gomukh Tapovan Track), फूलों की घाटी ट्रैक (Valley of Flowers Track), औली गोरसों बुग्याल ट्रैक, रूपकुण्ड ट्रैक, चेनाप घाटी ट्रैक, चोपता चन्द्रशिला ट्रैक, कुरी पास ट्रैक, नन्दा देवी ग्लेशियर ट्रैक, आदि कैलास ट्रैक, दारमा ट्रैक, जोंगरी ट्रैक, रूपिन पास ट्रैक, कंचनजंगा बेस कैम्प ट्रैक, ग्रीन लेक ट्रैक, गोएचा ला ट्रैक, त्रिउण्ड पर्वत ट्रैक, खीरगंगा ट्रैक, पार्वती घाटी ट्रैक, हम्पटा पास ट्रैक, राजमाची किला ट्रैक, चादर ट्रैक, मारखा घाटी ट्रैक, सैण्डकफू ट्रैक।
[…] ट्रैकिंग खेल है, शौक या पंगा! […]
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