FASTag का इस्तेमाल करने वालों को टर्म फंड ट्रांसफर करने की सुविधा दी जाएगी लेकिन ऐसा ग्राहकों से ई-मेंडेंट (इलेक्ट्रोनिक तौर पर फंड ट्रांसफर करने से पहले ग्राहकों से मंजूरी लेने की प्रक्रिया) के बाद ही किया जाएगा। ई-मैंडेट (e-mandate) की अभी जो व्यवस्था है उसमें असलियत में फंड ट्रांसफर करने से 24 घंटे पहले ग्राहकों को मैसेज भेजने की अनिवार्यता है, जिसे खत्म किया जा रहा है।
नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट सेवा फास्टैग (FASTag) का इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ी सुविधा शुरू की जा रही है। अब ग्राहकों के खाते से एक निश्चित अवधि पर अपने आप ही फंड ट्रांसफर करने की सुविधा दी जाएगी। फास्टैग (FASTag) में अभी ग्राहक अपनी जरूरत के मुताबिक रुपये समय-समय पर ट्रांसफर करते हैं। इसमें एक निश्चित अवधि पर फंड ट्रांसफर करने की सुविधा नहीं है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में इस सुविधा के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। इसके अनुसार फास्टैग (FASTag) का इस्तेमाल करने वालों को टर्म फंड ट्रांसफर करने की सुविधा दी जाएगी लेकिन ऐसा ग्राहकों से ई-मेंडेंट (इलेक्ट्रोनिक तौर पर फंड ट्रांसफर करने से पहले ग्राहकों से मंजूरी लेने की प्रक्रिया) के बाद ही किया जाएगा। ई-मैंडेट (e-mandate) की अभी जो व्यवस्था है उसमें असलियत में फंड ट्रांसफर करने से 24 घंटे पहले ग्राहकों को मैसेज भेजने की अनिवार्यता है, जिसे खत्म किया जा रहा है। यानी, अब ग्राहक एक बार में कितनी राशि और किस समय (हफ्तावार या महीने वार) फास्टैग (FASTag) में ट्रांसफर करना चाहते हैं, इसे पहले ही सेट कर सकते हैं।
ई-मैंडेट (e-mandate) ग्राहकों के लिए आरबीआई (RBI) द्वारा शुरू की गई एक डिजिटल भुगतान सेवा है। इसकी शुरुआत 10 जनवरी, 2020 को की गई थी। आरबीआई की ओर से जारी बयान के अनुसार, मौजूदा ई-मैंडेट (e-mandate) ढांचे के तहत ग्राहक के खाते से पैसे निकालने से कम से कम 24 घंटे पहले इसकी सूचना देने की आवश्यकता होती है।