तस्लीमा कट्टरपंथियों के डर से भारत में स्वनिर्वासन झेल रही हैं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद (Sheikh Hasina Wajed) भी सुरक्षा कारणों से भारत में हैं।
नई दिल्ली। अपने देश के हिंदुओं के हक में आवाज उठाने वाली बांग्लादेश की जानी-मनी लेखिका तस्लीमा नसरीन (Taslima Nasreen) भारत में ही रहेंगी। भारत सरकार ने उन्हें बड़ी राहत देते हुए उनका रेजिडेंसी परमिट रीन्यू कर दिया है। तस्लीमा अपने देश के कट्टरपंथियों के डर से भारत में स्वनिर्वासन झेल रही हैं। गौरतलब है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद (Sheikh Hasina Wajed) भी सुरक्षा कारणों से भारत में हैं। कट्टरपंथियों की कठपुतली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार शेख हसीना वाजेद के भारत से प्रत्यर्पण की कोशिश में है। इसके लिए 2013 में दोनों देशों के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि का हवाला दिया जा रहा है। हालांकि भारत पहले ही दो टूक कह चुका है कि शेख हसीना सुरक्षा कारणों से भारत आई हैं और वह यहां रहना जारी रखेंगी। जाहिर है कि तस्लीमा नसरीन और शेख हसीना पर भारत के फैसले से बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार तिलमिलाई गई है।
सत्ता संघर्ष से जूझ रहा है बांग्लादेश
बांग्लादेश इस समय गंभीर सत्ता संघर्ष से जूझ रहा है। कुछ महीने पहले पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से देश में अस्थिरता का माहौल है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार इस समय लोकतांत्रिक संस्थाओं को फिर से बहाल करने की चुनौती का सामना कर रही है। हालांकि कट्टरपंथियों के दबाव में काम करने की वजह से उसे आलोचनाओं का समना करना पड़ रहा है।
लज्जा” की वजह से नाराज हैं कट्टरपंथी
तस्लीमा नसरीन (Taslima Nasreen) अपने बहुचर्चित उपन्यास “लज्जा” (The famous novel “Lajja”) की वजह से मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। “लज्जा” में उन्होंने 1992 में अयोध्या में बाबरी विध्वंस के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हुए जुल्म को बयां किया है। इस उपन्यास में मजहबी कट्टरता और उसके व्यक्तियों और समाज पर पड़ने वाले खतरनाक असर को बयां किया गया है। इसी किताब की वजह से 1993 में कट्टरपंथियों ने उनके खिलाफ फतवा जारी किया था। उन्हें अपनी जान बचाने के लिए बांग्लादेश से भागना पड़ा था। तब से वह भारत में ही रह रही हैं। उन्हें अपनी जान बचाने लिए ठीक उसी तरह बांग्लादेश छोड़ना पड़ा जैसे शेख हसीना को छोड़ना पड़ा था।
तस्लीमा ने अमित शाह से लगाई थी गुहार
तस्लीमा नसरीन ने अपने रेजिडेंसी परमिट को रीन्यू करने के लिए सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गृह मंत्री अमित शाह से गुहार लगाई थी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था, “डियर अमित शाह जी, नमस्कार। मैं भारत में इसलिए रहती हूं कि मुझे इस महान देश से प्यार है। पिछले 20 वर्षों से यह मेरा दूसरा घर है। लेकिन, गृह मंत्रालय मेरे रेजिडेंस परमिट को जुलाई 2022 से एक्सटेंड नहीं कर रहा। मैं बहुत चिंतित हूं। अगर आप मुझे रहने देंगे तो मैं बहुत कृतज्ञ रहूंगी।”
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