News Haveli, नई दिल्ली: (Denial of permission for Urs) सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के गिर सोमनाथ (Gir Somnath) में उर्स की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। एक याचिका में ध्वस्त की जा चुकी दरगाह (Dargah) पर 1 से 3 फरवरी तक उर्स आयोजित करने की अनुमति मांगी गई थी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले के बाद कई दशकों बाद ऐसा होगा जब सोमनाथ के पास होने वाला उर्स (Urs) आयोजित नहीं होगा। न्यायामूर्ति बीआर गवई और न्यायामूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने गुजरात सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर गौर किया कि सरकारी जमीन पर मंदिरों समेत सभी अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है।
मुस्लिम पक्ष के वकील ने जो कहा
मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि इस स्थान पर सालों से उर्स होता आया है लेकिन प्रशासन ने अब इजाजत देने से इन्कार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए दलील दी गई कि वहां पर कोई दरगाह नहीं है। रिकॉर्ड में 1960 तक का जिक्र है और कुछ शर्तों के साथ इजाजत मिलती रही है। 3 दिन तक चलने वाला यह महोत्सव हर साल होता रहा है।
गौरतलब है कि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह दरगाह वर्ष 1299 से मौजूद है। यह एक संरक्षित स्मारक है लेकिन अब इसे तोड़ दिया गया है।
सॉलिसिटर जनरल की दलील
गुजरात सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 1951 मे यह जमीन सरदार पटेल ट्रस्ट को सौपी जा चुकी है। उस इलाके में सभी धर्मों के जो भी अवैध निर्माण थे उन सबको तोड़ा गया है। इनमें मंदिर भी शामिल हैं। मुख्य मामला अभी हाई कोर्ट मे चल रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने भी कहा है कि यहां कोई संरक्षित ढांचा नहीं है। हाई कोर्ट ने इसके बाद मुस्लिम पक्ष की तरफ से दाखिल की गई अनुमति याचिका को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में विभिन्न याचिकाओं पर होनी है सुनवाई
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 27 जनवरी 2025 को कहा था कि वह गिर सोमनाथ जिले में बिना पूर्व अनुमति के आवासीय और धार्मिक संरचनाओं को कथित रूप से ध्वस्त करने के लिए गुजरात के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका समेत विभिन्न याचिकाओं पर तीन सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।