लखनऊ। आदित्यनाथ कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में पारिवारिक सम्पत्ति को लेकर अत्यन्त महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। लोक भवन में हुई इस बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 14 प्रताव पटल में रखे गए थे जिनमें से 13 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। सबसे बड़ा प्रस्ताव पारिवारिक संबंधियों के बीच सम्पत्ति की रजिस्ट्री पर स्टाम्प शुल्क में छूट का पास हुआ। यह कदम सम्पत्ति विवादों को आसान बनाने और पारिवारिक सौहार्द को भी बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। कैबिनेट के निर्णय के अनुसार बंटवारा पत्र (पार्टीशन डीड) और समझौता पत्र (सेटलमेंट डीड) पर अब स्टाम्प शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसकी जगह केवल पांच हजार रुपये खर्च करने होंगे।
प्रदेश में बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो अपनी सम्पत्तियों को अपने रिश्तेदारों या अपने परिवारीजनों के नाम देना चाहते हैं लेकिन नियम के चलते इतनी धनराशि नहीं जुटा पाते थे। इस नियम से उत्तर प्रदेश के ऐसे हजारों लोगों को राहत मिल सकेगी।
इस निर्णय के लाभ को इस उदाहरण से समझ सकते हैं। अगर सम्पत्ति की कीमत एक करोड़ रुपये है तो उस पर सात फीसदी स्टाम्प शुल्क यानी सात लाख रुपये देने होते हैं लेकिन पैतृक संपत्ति के बंटवारे में 30 प्रतिशत की छूट मिलती है। यानी एक करोड़ रुपये की संपत्ति पर चार लाख 90 हजार रुपये स्टाम्प शुल्क देना होता है। इस शुल्क को लेकर आपस में विवाद के चलते मामले फंस जाते हैं। इन सभी समस्याओं को खत्म करने के लिए पैतृक सम्पत्ति के सभी हिस्सेदार एकसाथ आकर तहसीलदार के सामने सहमति देंगे। आपस में ही लिखित बंटवारे का फॉर्मूला देंगे और केवल पांच हजार स्टाम्प शुल्क देकर इसी फॉर्मूले को लागू कर दिया जाएगा।
कैबिनेट की बैठक में मौजूद रहे औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया कि बैठक में उत्तर प्रदेश में निवेश करने वाले अल्ट्रा मेगा इकाइयों के लिए प्रोत्साहन का पिटारा खोले जाने का निर्णय लिया गया। निर्णय लिया गया कि यदि कोई कंपनी प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर 3000 करोड़ से अधिक का निवेश करती है और कंपनी प्रोत्साहन के लिए आवेदन करती है, उसे निवेश को एकीकृत मानते हुए कस्टमाइज पैकेज की सुविधाएं दी जाएंगी। इसके तहत मेसर्स आवाडा इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड को कस्टमाइज पैकेज का लाभ दिया जाएगा।