न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच के इस फैसले को मुस्लिम पक्ष के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। रीकॉल अर्जी में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 11 जनवरी 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी
प्रयागराज। (Shri Krishna Janmabhoomi-Shah Idgah case) उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने मुस्लिम पक्ष की रीकॉल अर्ज़ी खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच के इस फैसले को मुस्लिम पक्ष के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। रीकॉल अर्जी में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 11 जनवरी 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट मे बीते 6 अक्टूबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।
कृष्ण जन्मभूमि के पक्षकार एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने बुधवार को बताया कि न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की पीठ के समक्ष मंदिर और मस्जिद पक्ष की तरफ से बहस की गई थी। मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अधिवक्ता तस्नीम अहमदी ने आर्डर सात रूल 11 के तहत दिए गए प्रार्थना को खारिज कर स्वामित्व से जुड़े 15 सिविल वादों को एक साथ सुने जाने के कोर्ट के निर्णय खिलाफ रीकॉल प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। हिंदू पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि एक साथ जोड़ने का मतलब यह नहीं है कि सभी मुकदमों को लड़ने का अधिकार समाप्त हो जाएगा।
मंदिर पक्ष की तरफ से कहा गया कि रीकॉल प्रार्थना पत्र (Recall Application) मामले को उलझाए रखने के लिए है। रीकॉल प्रार्थना पत्र किसी आदेश को वापस लेने के लिए दिया जाता है।
मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश हुए अधिवक्ता तस्नीम अहमदी ने कहा कि 11 जनवरी 2024 के कोर्ट के उस आदेश को वापस लिया जाना चाहिए, जिसके तहत सभी मुकदमों को एक साथ जोड़ दिया गया था।