Wed. Dec 18th, 2024
seriously ill people will get the right to die

यह विधेयक 18 वर्ष से अधिक उन लोगों की मदद करेगा, जिनके पास चिकित्सकों के अनुसार जीने के लिए केवल 6 महीने बचे हैं। विधेयक में मृत्यु चुनने के तरीकों का भी वर्णन रहेगा।

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लंदन। (Seriously ill people will get the right to die) इंग्लैंड और वेल्स में गंभीर रूप से बीमार लोगों को इच्छा मृत्यु का अधिकार मिलेगा। ब्रिटिश सांसदों ने शुक्रवार को इंग्लैंड और वेल्स में गंभीर रूप से बीमार वयस्कों को अपनी जीवन लीला समाप्त करने में मदद करने वाले “सहायक मृत्यु विधेयक” को स्वीकृति दे दी। निचले सदन (हाउस ऑफ कॉमंस) में गर्मागरम बहस के बाद इस विधेयक के पक्ष में 330 तो विरोध में 275 मत पड़े। यह विधेयक लेबर पार्टी के सांसद किम लीडबीटर की ओर से प्रस्तावित किया गया था लेकिन खुली वोटिंग होने के चलते इसमें किसी भी दल के सांसद विधेयक के पक्ष अथवा विपक्ष में मतदान कर सकते थे। ब्रिटेन में कई मानवाधिकार समूह उन लोगों के लिए असिस्टेड सुसाइड का समर्थन करते हैं जो जीवन भर के लिए किसी बीमारी से ग्रसित हैं। जब संसद के निचले सदन में सदन में इस बिल को मंजूरी मिल गई तो कई समर्थकों ने एक-दूसरे से गले मिलकर नम आंखों के साथ बधाइयों का आदान-प्रदान किया। नीदरलैंड पहला देश है जिसने इच्छामृत्यु को वैध बनाया था।

इस विधेयक को अब ऊपरी सदन (हाउस ऑफ लॉड्रर्स) में प्रस्तुत किया जाएगा जहां इसे कानून का रूप हासिल करने के लिए 55 मतों की जरूरत पड़ेगी। इसी तरह का विधेयक 2015 में भी लाया गया था लेकिन उस समय सांसदों ने इसे नकार दिया था। चर्चा के दौरान इस विधेयक के पक्ष में रहे सांसदों ने कहा कि यह कानून मरने वालों को सम्मान प्रदान करेगा और अनावश्यक पीड़ा को सहने के लिए बाध्य होने से रोकेगा।

विधेयक का विरोध करने वालों ने कहा कि इससे कमजोर लोगों को जोखिम में डाला जा सकता है, संभावित रूप से उन्हें, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए मजबूर किया जा सकता है, ताकि वे परिवार पर बोझ न बनें।

“सहायक मृत्यु विधेयक” के मुख्य प्रायोजक किम लीडबीटर ने खचाखच भरे चैंबर में उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने कहा, “हम जीवन या मृत्यु के बीच चुनाव के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, हम मरने वाले लोगों को यह विकल्प देने के बारे में बात कर रहे हैं कि वे कैसे मरें।” लीडबीटर ने स्वीकार किया कि यह सांसदों के लिए आसान निर्णय नहीं है लेकिन अगर हममें से कोई भी आसान जीवन चाहता है तो वह इस कानून के पक्ष में वोट देगा।

18 साल से ऊपर के लोग स्वेच्छा से चुन सकेंगे मृत्यु

यह विधेयक 18 वर्ष से अधिक उन लोगों की मदद करेगा, जिनके पास चिकित्सकों के अनुसार जीने के लिए केवल 6 महीने बचे हैं। विधेयक में मृत्यु चुनने के तरीकों का भी वर्णन रहेगा। मरने वाला स्वयं से जो विकल्प चुनेगा उसे उसी के अनुसार मृत्यु मिलेगी। मृत्यु विधेयक का समर्थन करने वाले प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले में तटस्थ रहेगी। वह यह नहीं बताएंगे कि वह किस तरह से मतदान करेंगे। उनके मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों ने कहा था कि वे विधेयक का समर्थन करेंगे जबकि अन्य इसके खिलाफ थे। मुख्य विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी की नेता केमी बेडेनोच ने कहा कि वह इसके खिलाफ मतदान करेंगी।

“सहायक मृत्यु विधेयक” को इन देशों में मिल चुकी है मान्यता

“स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा और अमेरिका के कुछ हिस्से में “सहायक मृत्यु विधेयक” मान्यता मिल चुकी है। हालांकि इस कानून के तहत कौन पात्र है और कौन अपात्र इस पर हर देश में अलग-अलग नियम हैं। बीते दिनों स्विटजरलैंड में 500 से अधिक ब्रिटिश नागरिकों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। स्विटजरलैंड का कानून गैर-निवासियों को भी सहायक मृत्यु विधेयक का अधिकार देता है।

 

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