News Haveli, नई दिल्ली। चीन में फैले कोरोना जैसे वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का भारत में दूसरा केस मिला है। ये दोनों मामले कर्नाटक के हैं। संक्रमितों में 8 महीने का बच्चा और 3 महीने की बच्ची शामिल है। दोनों सैंपल की जांच बंगलुरु बैपटिस्ट अस्पताल में की गई थी। कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपनी लैब में नमूने की जांच नहीं कराई। रिपोर्ट एक निजी अस्पताल से आई है। चीन की खबरें सामने आने के बाद 5 दिन के भीतर ही इस वायरस के 2 केस कर्नाटक में मिले हैं। आईसीएमआर ने भी दोनों मामलों की पुष्टि की है। (Second case of Corona-like Chinese virus HMPV found in India)
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कर्नाटक में HMPV के दो मामलों का पता लगा है। दोनों बच्चे रूटीन जांच के लिए अस्पताल आए थे। टेस्ट करने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। HMPV से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
केंद्र सरकार ने कहा था- HMPV इस मौसम में सामान्य वायरस
चीन में HMPV के बढ़ते मामलों के बीच भारत सरकार ने 4 जनवरी 2025 को जॉइंट मॉनीटरिंग ग्रुप की बैठक की थी। बैठक के बाद सरकार ने कहा था कि फ्लू के मौसम को देखते हुए चीन की स्थिति असामान्य नहीं है। केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा, “देश सांस से जुड़ी बीमारियों के मामलों में किसी भी बढ़त से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। चीन में फ्लू के बढ़ते मामलों की वजह RSV और HMPV इस मौसम में इन्फ्लुएंजा के सामान्य वायरस हैं। सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से चीन की स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट देने को कहा है।”
एहतियात के तौर पर टेस्टिंग लैब बढाएंगे: सरकार
केंद्र सरकार ने कहा कि भारत में आईसीएमआर (ICMR) और आईडीएसपी (IDSP) के जरिए इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और इन्फ्लूएंजा की गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के लिए मजबूत निगरानी सिस्टम मौजूद है। दोनों एजेंसियों के आंकड़ों से पता चलता है कि ILI और SARI मामलों में कोई असामान्य बढ़त नहीं हुई है।
एहतियात के तौर पर आईसीएमआर HMPV की टेस्टिंग करने वाली लैब की संख्या बढ़ाएगा और पूरे साल HMPV के मामलों पर नजर रखेगा।
ऐसे प्रभावित करता है HMPV
HMPV (ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस) एक प्रकार का ऐसा वायरस है जो सांस की नली में प्रवेश करके फेफड़ों तक जाता है। कोविड 19 भी बिलकुल ऐसा ही था। दोनों वायरस के लक्षण भी एक जैसे ही हैं। हालांकि एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद सबसे आम लक्षण खांसी है जो अक्सर बलगम के साथ होती है। इसके साथ हल्का बुखार भी आता है। इस वायरस से संक्रमित होने के बाद कुछ मामलों में गंभीर लक्षण आ सकते हैं। इसमें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है जो अक्सर सीने में दर्द के साथ होती है।
HMPV के साथ सबसे बड़ा खतरा यह है कि यह निमोनिया भी करता है। निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो बच्चों की मौत का कारण बन सकती है। यह वायरस एक से दूसरे बच्चे में तेजी से फैलता है और जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली ( इम्यूनिटी) कमजोर है, वे HMPV के संपर्क में आने के बाद ज्यादा बीमार पड़ सकते हैं।