तय हुआ कि अभी आंदोलन को स्थगित किया जाएगा। किसानों के प्रतिनिधिमंडल की राज्य सरकार के साथ बातचीत के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।
नोएडा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के नोएडा में शुरू हुआ किसानों का प्रदर्शन और दिल्ली कूच (दिल्ली मार्च) फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। किसान नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की 7 मांगों पर जोर दे रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल से बैरिकेडिंग तौड़कर आगे बढ़ गये थे। हालांकि बाद में वे मान गए। किसान नेताओं के साथ बातचीत में तय हुआ कि अभी आंदोलन को स्थगित किया जाएगा। किसानों के प्रतिनिधिमंडल की राज्य सरकार के साथ बातचीत होगी जिसके बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। प्रदर्शनकारी किसान सड़क को खाली करने पर भी राजी हो गए।
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा सोमवार को दिल्ली कूच के लिए किए गए आंदोलन के बाद किसानों और प्राधिकरण के बीच कई घंटों तक बातचीत चली। इसके बाद ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने समस्या के समाधान के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है। बैठक में यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र सिंह, नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ महेंद्र प्रसाद और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी मौजूद रहे। पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी बातचीत में शामिल हुए।
लगातार प्रदर्शनकारियों के संपर्क में रही प्रशासन की टीम
नोएडा के किसानों ने दोपहर से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू किया था। किसानों के प्रदर्शन की घोषणा से सुबह से नोएडा से लेकर दिल्ली तक सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रही। प्रशासन की टीम लगातार प्रदर्शनकारियों के संपर्क में रही। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि फिलहाल दलित प्रेरणा स्थल पर धरना दिया जाएगा। दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने 64.7 प्रतिशत बढ़ा मुआवजा का भुगतान की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बाजार दर से चार गुना मुआवजा दिया जाए। किसान मोर्चा ने 20 फीसदी प्लॉट दिए जाने की मांग की। भूमिधर और भूमिहीन किसानों के सभी बच्चों को रोजगार एवं पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाने की भी मांग की गई है। उनकी आबादी का निस्तारण किए जाने पर जोर दिया गया है। किसान संगठन की ओर से लगातार प्रशासन और अथॉरिटी के समक्ष यह मामला उठाया जा रहा था।
दलित प्रेरणा स्थल करीब 45 हजार किसान जुट गए थे। विभिन्न गांवों से आए किसानों के सड़क पर उतरने की स्थिति में शहर पूरी तरह से जाम से पट गया। नोएडा से दिल्ली तक इस प्रदर्शन को लेकर हलचल तेज रही। करीब 4000 पुलिसकर्मियों को सड़क पर उतार दिया गया। इस कारण किसानों को आगे बढ़ने से रोकने में सफलता मिली।
वार्ता के बाद फैसला
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हजारों की तादाद में दिल्ली कूच कर रहे किसानों की तीनों प्राधिकरणों के उच्च अधिकारियों से बात होने के बाद आंदोलन को स्थगिग करने पर अपनी सहमति दी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के उच्चाधिकारियों के आश्वासन पर वे अपने-अपने धरनास्थल पर लौट गए। इसके बाद सड़कों पर यातायात को सामान्य बनाया जाने लगा।
प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा तीनों प्राधिकरण के अधिकारियों ने एक सप्ताह का समय मांगा है। अगर इस समय सीमा के अंदर हमारी सभी मांगों को नही माना गया तो हम दोबारा दिल्ली की ओर कूच करेंगे। सरकार के साथ भी हमारी वार्ता होगी।