पुलिस वारदात का मास्टरमाइंड विक्की को ही मान रही है। उसका मानना है कि विक्की ने ही शूटरों की मदद से राजेंद्र के परिवार को ठिकाने लगाया है।
वाराणसी। अब यह पूरी तरह से साफ हो चुका है कि कारोबारी राजेंद्र गुप्ता की पत्नी और तीन बच्चों की हत्या के बाद राजेंद्र गुप्त की भी हत्या की गई थी। हालांकि पहले यह अनुमान लगाया गया था कि राजेंद्र ने ही अपने परिवार की हत्या करने के बाद खुद को गोली मार ली। ऐसे में पुलिस ने हत्यारे की तलाश तेज कर दी है। कुछ संदिग्ध चिह्नित कि गए हैं। बीते सोमवार को रात हुए इस हत्याकांड में पुलिस को राजेंद्र गुप्ता के भतीजे विशाल गुप्ता उर्फ विक्की और उनके मकान में रहने वाले तीन किराएदारों की तलाश है। बंगलुरु में काम करने वाला विक्की दीपावली में वाराणसी आया था। इस दौरान उसने दादी शारदा से कई बार कहा था कि कुछ विशेष काम के लिए आया है और उसे पूरा करने के बाद ही वापस जाएगा।
राजेंद्र गुप्ता की मां शारदा देवी ने बुधवार को पुलिस को बताया कि उसके मृत छोटे बेटे कृष्णा का बड़ा बेटा विक्की अक्सर राजेंद्र से विवाद करता था। विक्की खुद के बारे में कभी बताता था कि वह बंगलुरु में रह कर काम करता है। कभी कहता था कि तमिलनाडु में रहता है तो कभी अहमदाबाद या फिर मुंबई में रहकर काम करने की बात कहता था। वह कहता था कि उसे उसका हिस्सा सही ढंग से नहीं मिला तो वह पूरे परिवार को मार डालेगा।
परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के बाद जुगनू सहित परिवार और रिश्तेदारी के अन्य सदस्य आ गए लेकिन विक्की का कहीं कोई पता नहीं लगा। उसके सारे मोबाइल फोन बंद आ रहे हैं। इससे पुलिस का शक गहरा गया है। पुलिस वारदात का मास्टरमाइंड विक्की को ही मान रही है। उसका मानना है कि विक्की ने ही शूटरों की मदद से राजेंद्र के परिवार को ठिकाने लगाया है। उसकी राजेंद्र से व्यक्तिगत दुश्मनी भी थी। विक्की की तलाश में पुलिस की पांच टीमें दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, बंगलुरु और तमिलनाडु भेजी गई हैं। एहतियातन राजेंद्र के भदैनी और मीरापुर रामपुर स्थित मकानों पर पुलिस तैनात की गई है।
पुलिस को राजेंद्र गुप्ता के भदैनी स्थित मकान में किराए पर रहने वाले बिहार के 22 से 25 वर्ष के तीनों युवकों पर भी शक है। तीनों ने पिछले महीने ही कमरा किराए पर लिया था और घटना वाली रात से ही अपने कमरे में ताला बंद करके फरार हैं। उनके मोबाइल फोन भी बंद हैं। कुछ दिन पहले उनकी किसी बात पर राजेंद्र गुप्ता से बहस भी हुई थी। पुलिस ने उनके कमरे का ताला तोड़कर तलाशी ली और उनके बगल के कमरे में रहने वाले शिक्षक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी में रहने वाले राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू, बेटे नमनेंद्र और शिवेंद्र तथा बेटी गौरांगी उर्फ गौरी की सोमवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जबकि राजेंद्र का शव मंगलवार को रोहनिया के लठियां में निर्माणाधीन मकान में मिला था। 1997 में राजेंद्र पर अपने छोटे भाई कृष्णा, उसकी पत्नी और पिता की हत्या का आरोप लगा था। हालांकि, बाद में वह अदालत से बरी हो गया। उसने ही विक्की, उसके छोटे भाई जुगून और बहन अनुप्रिया को पढ़ाया लिखाया। अनुप्रिया का विवाह किया। अनुप्रिया पति के साथ दिल्ली में रहती है।
हत्याकांड की जानकारी होने पर दिल्ली में नौकरी करने वाला जुगनू मंगलवार रात वाराणसी पहुंचा,लेकिन विक्की का कोई पता नहीं चल रहा है। उसका मोबाइल फोन भी बंद है। पुलिस अभी तक 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाल चुकी है। प्रारंभिक जांच के अनुसार हत्यारों की संख्या चार या पांच हो सकती है। हत्या में पिस्टल के अलावा रिवॉल्वर का भी इस्तेमाल हुआ है। मौके से सिर्फ तीन खोखे मिले जबकि 14 गोलियां चलाई गई हैं।
मंगलवार को सुबह 11 बजे नौकरानी रीता सबसे पहले नीतू की कमरे में साफ-सफाई करने पहुंची तो हर रोज की तरह दरवाजा चौखट से सटा हुआ था। पुलिस को कमरों में जबरदस्ती घुसने या संघर्ष के कोई निशान नहीं मिले हैं। कमरों में सामान बिखरा हुआ था यानी कीमती सामान, नकदी आदि तलाशने की कोशिश की गई थी। घर से क्या गायब हुआ, इस बारे में बताने वाला कोई नहीं। प्रथम तल पर ही राजेंद्र गुप्ता की वृद्ध मां शारदा का कमरा भी था। उनकी देखभाल के लिए नौकर नारायण भी साथ रहता था लेकिन दोनों को ही गोली चलने का पता नहीं चला।
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References:
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