दूर-दूर तक फैली हरियाली, चाय के बागान, तरह-तरह की वनस्पतियां ऊटी (Ooty) को खास बनाती हैं। यहां कि प्राकृतिक सुन्दरता और जैव विविधता बनाये रखने के लिए पहाड़ों के कई हिस्सों को आरक्षित वन का दर्जा प्रदान किया गया है। इस कारण इस क्षेत्र से आसपास शिविर लगाने के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ती है।
न्यूज हवेली नेटवर्क
हरे-भरे पहाड़ों के बीच उड़ते रुई के फाहों जैसे बादल, खूबसूरत झील और जलप्रपात, पहाड़ की ढलानों पर हरे गलीचे की तरह नजर आते चाय बागान और जंगलों में विचरण करते दुर्लभ प्रजाति के जीव-जन्तु। यह खूबसूरत नजारा है तमिलनाडु के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल उदगमंडलम् यानि ऊटी का। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह किसी स्वर्ग से कम नहीं है तो नवविवाहितों के लिए इसे बेस्ट हनीमून डेस्टीनेशन माना जाता है। घुमक्कड़ इसे “दक्षिण के पहाड़ों की रानी” भी कहते हैं। (Ooty: Queen of the Hills of South India)
ऊटी (Ooty) नीलगिरि पर्वत श्रृंखला पर समुद्र तल से करीब 7,440 फीट (2268 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है। नीलगिरि जिले के तीन प्रमुख पर्यटन स्थलों- ऊटी, कून्नूर और कोटागिरि में इसे सबसे खूबसूरत यूं ही नहीं कहा जाता है। दूर-दूर तक फैली हरियाली, चाय के बागान, तरह-तरह की वनस्पतियां इसे खास बनाती हैं। यहां कि प्राकृतिक सुन्दरता और जैव विविधता बनाये रखने के लिए पहाड़ों के कई हिस्सों को आरक्षित वन का दर्जा प्रदान किया गया है। इस कारण इस क्षेत्र से आसपास शिविर लगाने के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ती है।
बाग-ए-गुल अफशां से रामबाग वाया आरामबाग
नीलगिरि या नीले पर्वतों की श्रृंखला पर बसे ऊटी में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। सर्दी के यहां का तापमान शून्य डिग्री से भी नीचे चला जाता है लेकिन बाकी समय मौसम सुहाना बना रहता है।
कहां-कहां जायें, क्या करें
यहां वनस्पति उद्यान, ऊटी झील, डोडाबेट्टा चोटी, दोदाबेट्टा पीक, लैम्ब्स रॉक, कोडानाडू व्यू प्वाइंट, भवानी झील, मदुमलाई वन्यजीव (67 किलोमीटर), कोटागिरि (28), कलहट्टी जलप्रपात (13) जैसे दर्शनीय स्थल हैं। नीलगिरि माउन्टेन रेल को “तमिलनाडु की शान” कहा जाता है। 1908 में ब्रितानी शासन के दौरान स्थापित इस रेल नेटवर्क को यूनेस्को ने जुलाई 2005 में दार्जिलिंग रेल धरोहर स्थल के एक विस्तार के रूप में मान्यता दी थी। तब से इन्हें संयुक्त रूप से “भारत की पर्वतीय रेल” के नाम से जाना जाता है। ऊटी जाने पर इसमें यात्रा करना न भूलें।
क्या खायें
सप्पाडु (दक्षिण भारतीय थाली), इडली, डोसा, वड़ा, उत्तपम, सांभर, रसम, पायसम, पोंगल, केला बोंडा, नारियल चटनी, चिकन चेट्टिनाड, लेमन राइस, परोट्टा, कडाला, फिल्टर कॉफी आदि।
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कहां ठहरें
होटल स्टर्लिंग ऊटी, किंग्स क्लिफ, होटल लेकव्यू, बेरी हिल्स रिजॉर्ट, वेस्टर्न वैली रिजॉर्ट, ब्रेवर्ली विला, ऊटी रेजीडेंसी एण्ड होटल, होटल दर्शन, होटल सन पार्क आदि।
ऐसे पहुंचें ऊटी
वायुमार्ग : निकटतम हवाईअड्डा कोयम्बटूर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट यहां से 100 किलोमीटर दूर है।
रेलमार्ग : निकटतम रेलवे जंक्शन कोयम्बटूर।
सड़क मार्ग : राज्य राजमार्ग 17 से मड्डुर और मैसूर होते हुए बांदीपुर पहुंचा जा सकता है जो आपको मदुमलाई रिजर्व तक पहुंचा देगा। यहां से ऊटी केवल 67 किलोमीटर है।
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