Nohkalikai Falls: नोहकलिकाई जलप्रपात मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में चेूरापूंजी के पास स्थित है। चेरापूंजी भारी वर्षा के लिए प्रसिद्ध है। इस प्रपात के जल का स्रोत यही वर्षा है। सर्दी के मौसम में दिसम्बर और जनवरी में बारिश नहीं के बराबर होने की वजह से यह प्रपात लगभग सूख जाता है।
न्यूज हवेली नेटवर्क
सदाबहार वर्षा-वनों के बीच 340 मीटर की ऊंचाई से चट्टानों पर गिरते पानी का कोलाहल और हवा में उड़ती बूंदें। यह है नोहकलिकाई जलप्रपात (Nohkalikai Falls), भारत का तीसरा सबसे ऊंचा जलप्रपात। यह अद्भुत जलप्रपात भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित राज्य मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में चेूरापूंजी के पास स्थित है। चेरापूंजी भारी वर्षा के लिए प्रसिद्ध है और दुनिया के सबसे नम स्थानों में गिना जाता है। इस प्रपात के जल का स्रोत यही वर्षा है। सर्दी के मौसम में दिसम्बर और जनवरी में बारिश नहीं के बराबर होने की वजह से यह प्रपात लगभग सूख जाता है। बहुत अधिक ऊंचाई से वेगवती जलधारा गिरने की वजह से इस प्रपात के ठीक नीचे नीले-हरे रंग के जल वाले तैरने के कई स्थान बन गये हैं।
पहले नोहकालिकाई प्रपात (Nohkalikai Falls) को सामने स्थित एक दूर के स्थान से देखा जाता था लेकिन हाल ही में नीचे जाने के लिए सीढ़ियां बनाई गयीं हैं जो ठीक नीचे तक ले जाती हैं।
इस जलप्रपात के आसपास कई भोजनालय-रेस्तरां आदि हैं जहां स्थानीय खासी व अन्य व्यंजन उपलब्ध होते हैं। इसके अलावा यहां कई छोटी-छोटी दुकानें भी हैं जहां से स्थानीय उत्पादों को खरीद सकते हैं जैसे दालचीनी, हल्दी, लाल मिर्च, स्थानीय हस्तशिल्प उत्पाद आदि।
नोहकलिकाई जलप्रपात से जुड़ी किंवदंती (Legend associated with Nohkalikai Falls)
नोहकलिकाई जलप्रपात (Nohkalikai Falls) का नाम लिकाई नाम की महिला की एक दुखद किंवदंती के साथ जुड़ा हुआ है। इसके अनुसार लिकाई ने एक ऐसे पुरुष से दोबारा शादी की जो मानता था कि वह अपनी बेटी को उससे ज्यादा प्यार करती है। एक दिन जब लिकाई बाहर काम कर रही थी, उस आदमी ने बेटी को मार डाला और उसका मांस पकाकर लिकाई को धोखे से खिला दिया। लिकाई बेटी की तलाश में निकली तो उसे अपनी बेटी की अंगुलियां चुकंदर की एक टोकरी में नजर आयीं। यह देखकर वह मूर्छित होकर प्रपात में गिर गयी। तभी से इस प्रपात को नोह का लिकाई कहा जाने लगा जो कालान्तर में नोहकलिकाई हो गया।
ऐसे पहुंचें नोहकलिकाई (How to reach Nohkalikai)
मेघालय की राजधानी शिलांग होते हुए चेरापूंजी तक आसानी से पहुंच सकते हैं। शिलांग से चेरापूंजी करीब 58 किलोमीटर पड़ता है। चेरापूंजी से नोहकलिकाई जलप्रपात (Nohkalikai Falls) करीब 7 किलोमीटर दूर घने जंगल के बीच स्थित है। उमरोई एयरपोर्ट शिलांग से करीब 30 किमी दूर री भोई जिले में स्थित है। दिल्ली, चेन्नई, बंगलुरु आदि से उमरोई के लिए सीधी उड़ानें हैं। शिलांग शहर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन गुवाहाटी है जो शिलांग शहर से करीब 97 किमी दूर है। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन देश के सभी बड़े शहरों के साथ सीधी ट्रेन सेवा से जुड़ा है।