नारायण सिंह चोरहा डेरा बाबा नानक का रहने वाला बताया जा रहा है और दल खालसा का सदस्य है। उस पर की आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
अमृतसर। स्वर्ण मंदिर के गेट पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री व शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) पर बुधवार को सुबह जानलेवा हमला किया गया है। फायरिंग में वह बाल-बाल बच गए। सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाले आरोपी को मौके पर ही लोगों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। उसकी पहचान नारायण सिंह चोरहा (Narayan Singh Chorha) पुत्र चनन सिंह के तौर पर हुई है जिसका आपराधिक इतिहास रहा है।
नारायण सिंह चोरहा डेरा बाबा नानक का रहने वाला बताया जा रहा है और दल खालसा का सदस्य है। उस पर की आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उसपर हथियारों की तस्करी का भी आरोप है। वह कई मामलों में सजा भी काट चुका है। वह नारायण सिंह चोगहा चंड़ीग़ढ़ जेल ब्रेक कांड का भी आरोपी है। दरअसल, चंडीगढ़ की बुरैल जेल से चार खालिस्तानी आतंकवादी वर्ष 2004 में फरार हो गए थे। नारायण सिंह पर इन आतंकवादियों की मदद करे का आरोप है। हालांकि इस मामले में अदालत ने आरोपियों को बरी कर कर दिया था। उसने जेल में कई साथ बिताए थे। नारायण सिंह चोरहा ने अमृतसर सेंट्रल जेल में भी पांच साल गुजारे हैं। वह खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन से जुड़ा रहा था।
सुखबीर बादल पर ऐसे किया हमला
बताया जा रहा है कि पुलिस को इस बात की भनक पहले ही लग चुकी थी कि सुखबीर सिंह बादल पर हमला किया जा सकता है। यही वजह थी कि जब सुखबीर सिंह बादल स्वर्ण मंदिर के बाहर अपनी धार्मिक सजा के तहत ड्यूटी दे रहे थे तो उस दौरान उनके आसपास सादे कपड़ों में पुलिस वाले भी तैनात थे। इससे अनजान बानारायण सिंह चोरहा ने बड़े आराम से स्वर्ण मंदिर के गेट पर सुखबीर बादल के पास आकर गोली चलाने का प्रयास किया है। उसने उनपर फायर भी किया लेकिन निशाना चूक गया। अगर निशाना ना चूकता और सुरक्षाकर्मी उसे काबू ना करते तो कुछ भी हो सकता था। सुखबीर सिंह बादल पर बुधवार को उस समय हमला किया गया जब वह स्वर्ण मंदिर के बाहर सेवादार के रूप में सेवाएं दे रहे थे। घटना के वक्त बादल व्हीलचेयर पर बैठे थे और गोली दीवार से जाकर लगी। हमले में बादल बाल-बाल बच गए। नारायण सिंह चोरहा को स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने पकड़ लिया। फिलहाल वह पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। उसने सुखबीर सिंह बादल पर हमला क्यों किया इसका अभी कारण पता नहीं चल पाया है।