News Havel, मुंबई। (Saif Ali Khan Attack) बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान (Saif Ali Khan) पर उनके घर में घुसकर हमला करने के मामले में गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक के बारे में कई नई जानकारियां सामने आई हैं। उसके बांग्लादेशी होने के सबूत मिल गए हैं। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच को उसका बांग्लादेशी आईडी कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस मिला है। दस्तावेजों में उसकी उम्र 31 साल दर्ज है। इनमें उसका नाम मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद (Mohammad Shariful Islam Shahzad) लिखा गया है। उसके पिता का नाम मोहम्मद रुहुल अमीन है।
मुंबई पुलिस ने शरीफुल इस्लाम को मुंबई के वन क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप है कि वह चोरी के इरादे से सैफ के फ्लैट में घुसा और फिर पकड़े जाने पर उनपर हमला कर दिया। वह अपना नाम विजय दास रखकर अवैध रूप से मुंबई में रह रहा था। वह बांग्लादेश के बरिशाल शहर का रहने वाला है। पिछले पांच महीने से मुंबई में रह रहा था। एक हाउसकीपिंग एजेंसी से जुड़कर वहां छोटे-मोटे काम कर रहा था।
सात महीने पहले भारत में घुसा था
मुंबई पुलिस के अनुसार, शरीफुल इस्लाम 7 महीने पहले अवैध रूप से दावकी नदी पार करके भारत में दाखिल हुआ था। पहले कुछ सप्ताह पश्चिम बंगाल में रहने के बाद नौकरी की तलाश में मुंबई आ गया। उसने एक स्थानीय व्यक्ति के आधार कार्ड का इस्तेमाल करके सिमकार्ड हासिल किया था। उसका सिमकार्ड खुकुमोनी जहांगीर सेखा के नाम पर पंजीकृत है।
इंडियन एक्सप्रेस ने किया था शरीफुल इस्लाम के परिवार से संपर्क
अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस ने बांग्लादेश में शरीफुल इस्लाम के परिवार से संपर्क किया और उसके पिता रुहुल अमीन फकीर से बात की। शरीफुल इस्लाम का परिवार बांग्लादेश में झालोकाठी में रहता है। सैफ पर हमला करने के कुछ घंटे बाद इस्लाम ने अपने अब्बू रुहुल को कॉल की थी। उस कॉल के दौरान उसने अपने अब्बू से कहा कि उसने 10 हजार टका (बांग्लादेशी मुद्रा) उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया है। उसके पास 3 हजार रुपये बचे हैं। उससे उसका काम चल जाएगा।
रुहुल अमीन फकीर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह एक जूट कंपनी में कलर्क हैं। घटना के दो दिन बाद उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया पर अपने बेटे की तस्वीर देखी। उन्हें भरोसा नहीं हो रहा था। हमारे यहां कोई बड़ा आर्थिक संकट नहीं है। ऐसी अपराध करने के बारे में हममें से कोई सोच भी नहीं सकता है।
दलाल की सहायता से भारत में घुसा था
54 वर्षीय रुहुल इस बात को लेकर परेशान हैं कि वह कैसे अपने बेटे को कानूनी सहायता पहुंचाएंगे। वह उनसे हजारों किलोमीटक दूर है। शरीफुल ने 10वीं तक की पढ़ाई की है। वह अप्रैल 2024 में एक दलाल की सहायता से भारत में घुसा था। वह बेहतर नौकरी की तलाश में भारत में घुसा था। रुहुल ने बताया कि शरीफुल भारत जाने से पहले गांव में छोटा-मोटा धंधा करता था।
रुहुल ने बताया कि बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के कारण उसे लगने लगा कि यहां पर उसके लिए कोई रोजगार नहीं है। इस कारण वह एक दलाल के जरिए पहले पश्चिम बंगाल गया। फिर उसने वहां एक होटल में काम किया। इसके बाद वह मुंबई चला गया। वहां भी उसने कई होटलों में काम किया। वह नियमित तौर पर घर पर फोन करता था। उसके परिवार में माता-पिता, उसकी पत्नी और दो बच्चे हैं।