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king cobra

2012 से शुरू हुए इस अनुसंधान में दुनिया के सबसे बड़े जहरीले सांप किंग कोबरा की शारीरिक बनावट और जीन्स का गहराई से अध्ययन किया गया।

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नई दिल्‍ली। सांपों के राजा यानी की किंग कोबरा (King Cobra) की वर्षों पुरानी बादशाहत अब खत्म हो गई है। एक नई स्टडी में पता चला है कि दुनिया का सबसे बड़ा विषैला सांप किंग कोबरा अब केवल एक प्रजाति नहीं है बल्कि वैज्ञानिकों ने इसे चार अलग-अलग प्रजातियां में बांट दिया है। कर्नाटक के अगुम्बे में स्थित कलिंगा सेंटर फॉर रेनफॉरेस्ट इकोलॉजी (Kalinga Centre for Rainforest Ecology) के शोधकर्ताओं ने अपनी लगातार 12 सालों की मेहनत के बाद इस बात का पता लगाया है। गौरतलब है कि 188 साल पहले 1836 में पहली बार डेनमार्क के जूलॉजिस्ट थियोडोर एडवर्ड कैंटर ने किंग कोबरा की प्रजाति की पहचान की थी।

खोजी गई नई प्रजातियों में से एक दक्षिण-पश्चिम भारत में पाई जाती है तो वहीं दूसरी पूर्वी पाकिस्तान, अंडमान के कुछ इलाकों, इंडो-बर्मा, इंडो-चीन और थाईलैंड के जंगलों में पाई जाती है। तीसरी प्रजाति मलय प्रायद्वीप और ग्रेटर सुंडा द्वीप में पाई जाती है। एक और प्रजाति उत्तरी फिलीपींस के लुजोन में निवास करती है। अध्ययन दल का नेतृत्व करने वाली अनुसंधानकर्ता डॉ पी गौरी शंकर ने बताया कि उनकी यह खोज 2012 से शुरू हुई थी जो अब जाकर अपने एक निश्चित पडाव पर पहुंची है। इस दौरान उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े जहरीले सांप किंग कोबरा की शारीरिक बनावट और जीन्स का गहराई से अध्ययन किया। इस खोज के दौरान उन्होंने कर्नाटक, तमिलनाडु, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, गोवा, मिजोरम और उत्तराखंड में सांपों के डीएनए सैंपल इकट्ठे किए, जो नई प्रजाति मिली उसके फोटोग्राफ लिये और उनके बारे में जानकारी इकट्ठा की और पता लगाया कि उनके स्किन कलर का पैटर्न कैसा है या फिर उनके कितने बैंड हैं।

गौरी ने बताया कि इसी खोज के दौरान उन्हें पश्चिमी घाट पर एक प्रजाति (ओफियोफैगस कलिंगा) मिली जो सांपों को भी खाती है। इसमें 40 से भी कम बैंड मिले। उत्तरी भारत में उन्हें ओफियोफैगस हन्ना मिला जिसके 50 से 70 बैंड हैं। सुंडा द्वीप पर उन्हें ओफियोफैगस बुंगारस मिला जिसके 70 से अधिक बैंड हैं। फिलीपींस के लुजोन में उनको मिली  ओफियोफैगस साल्वाटाना प्रजाति में  एक भी बैंड नहीं मिला।

डॉ पी गौरी शंकर ने बताया कि कई लोगों ने इस बात का अनुमान लगाया था कि किंग कोबरा की एक से ज्यादा प्रजातियां हो सकती हैं, लेकिन आज तक कोई भी इसे साबित नहीं कर पाया था। रिसर्च टीम ने अलग-अलग जगहों से किंग कोबरा के टिश्यू के नमूने लिए और उनकी तस्वीरें इकट्ठा कीं। टीम ने रंग, धारियों, शल्कों और शरीर के अनुपात जैसे कई पहलुओं पर गहराई से रिसर्च की। उन्होंने बताया कि इस स्टडी के आधार पर हम कह सकते हैं कि सांपों का व्यापक वितरण हिमालय की तराई, प्रायदीपीय भारत के पश्चिमी और पूर्वी घाट, पूर्वोत्तर भारत जैसे उष्णकटिबंधिय में मिलता है। हालांकि कई जगहों पर यह उपोष्ण कटिबंधिय या समशीतोष्ण क्षेत्रों में भी मिल जाते हैं। इन सांपों की प्रजाति को सबसे बड़ा खतरा इनके आवासों के उजाडे़ जाने का है। वर्तमान में रेड डाटा सूची में इन्हें असुरक्षित श्रेणी में रखा गया है।

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