Kheerganga: खीरगंगा दरअसल एक नदी (Kheerganga River) का नाम है जिसे उसके दूध जैसे सफेद फेने वाले पानी की वजह से यह नाम दिया गया है। खीरगंगा ट्रैक बर्शेणी से शुरू होता है और खीरगंगा तक पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर ट्रैकिंग करनी पड़ती है।
न्यूज हवेली नेटवर्क
हिमाचल प्रदेश को यूं ही देवभूमि नहीं कहा जाता, यह है ही स्वर्ग की तरह सुन्दर! यहां न केवल धार्मिक आस्था से जुड़े स्थान हैं, बल्कि प्रकृति के मनोहारी दृश्य भी अभिभूत कर देते हैं। यहां बर्फ से ढका हिमालय और शिवालिक की पहाड़ियां हैं तो हरीभरी घाटियां, बुग्याल (घास के बड़े-बड़े मैदान) और देवादर के जंगल भी हैं। ग्लेशियरों से निकल पर्वतों के ढलानों पर बहने वाली कल-कल करती नदियां हैं तो दिल-फरेब झरने और जलप्रपात भी हैं। यहां के ट्रैक्स के तो क्या कहने! दुनियाभर से लोग यहां ट्रैकिंग करने आते हैं। ऐसा ही एक ट्रैक है खीरगंगा (Kheerganga Track)।
खीरगंगा दरअसल एक नदी (Kheerganga River) का नाम है जिसे उसके दूध जैसे सफेद फेने वाले पानी की वजह से यह नाम दिया गया है। खीरगंगा ट्रैक बर्शेणी से शुरू होता है और खीरगंगा तक पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर ट्रैकिंग करनी पड़ती है। ट्रैकर्स पार्वती घाटी (Parvati Valley) के खूबसूरत गांवों, घने जंगलों, बुग्यालों, झरनों और पार्वती नदी को पार करते हुए खीरगंगा शिखर पर पहुंचते हैं तो यहां की प्राकृतिक सुन्दरता को देखते ही सारी थकान दूर हो जाती है।
इस ट्रैक पर गर्म पानी का एक कुंड है। धार्मिक मान्यता है कि सतयुग में यहां पर खीर बहती थी। कलियुग में इस खीर को लेकर युद्ध न हो इसलिए भगवान परशुराम ने इस खीर को पानी में बदल दिया। आज भी इस कुण्ड में मलाई जैसे कुछ टुकड़े नजर आते हैं। पास में ही देवी पार्वती का मन्दिर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कुण्ड में नहाने और माता पार्वती के दर्शन करने से त्वचा रोग दूर हो जाते हैं। यहीं पर पास में ही देव सेनापति कार्तिकेय की गुफा है। कहा जाता है कि उन्होंने इसी गुफा में तपस्या की थी।
खीरगंगा में ठहरने के लिए लॉज, कॉटेज और टेंट हैं। आप चाहें तो यहां के आश्रम में शेयरिंग कमरा भी ले सकते हैं। यहां कई कैफे और ढाबे हैं जहां हिमाचली और चाइनीज भोजन के साथ ही इजरायली डिश भी मिलती हैं। दरअसल, यहां बड़ी संख्या में इजरायली पर्यटक आते हैं।
कब जायें खीरगंगा (When to go to Kheerganga)
पार्वती घाटी हर मौसम में अत्यन्त सुन्दर दिखती है लेकिन खीरगंगा (Kheerganga) में ट्रैकिंग के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर, अप्रैल, मई और जून का है। गर्मी के मौसम में यहां का तापमान औसतन15 से 25 डिग्री सेल्सियस रहता है। बारिश के मौसम में यहां ट्रैकिंग करना जोखिम भरा हो जाता है। बहुत से लोग सर्दी के मौसम में भी ट्रैकिंग करने जाते हैं पर ज्यादा हिमपात होने पर इस ट्रैक को कुछ समय के लिए बन्द कर दिया जाता है।
ऐसे पहुंचें खीरगंगा (How to reach Kheerganga)
दिल्ली से कुल्लू के लिए बस सेवा है। कुल्लू से भुन्तर और कसोल के लिए प्राइवेट बस और प्राइवेट जीप मिलती हैं। खीरगंगा का निकटतम गांव बर्शेणी है जहां के लिए भुन्तर से बस और जीप मिलती हैं। बर्शेणी से ही खीरगंगा ट्रैक शुरू होता है। कुल्लू-मनाली एयरपोर्ट भुन्तर में स्थित है। भुन्तर से बर्शेणी करीब 47 किलोमीटर पड़ता है। दिल्ली और चण्डीगढ़ से भुन्तर के लिए हवाई सेवा है। निकटतम बड़ा रेलवे स्टेशन पठानकोट जंक्शन कुल्लू से करीब 254 किमी पड़ता है।