खण्डाधार जलप्रपात सुन्दरगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है। यह ओडिशा का दूसरा जबकि देश का 12वां सबसे ऊंचा जलप्रपात है। बणई अनुमण्डल के लहुणीपाड़ा प्रखण्ड में हरे-भरे जंगलों से घिरे इस क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी देखने को मिलते हैं जिनमें कुछ दुर्लभ श्रेणी में आते हैं।
न्यूज हवेली नेटवर्क
राउरकेला से हम मुंह अंधेरे ही निकल लिये थे। करीब दो घण्टे का सफर कर जब खण्डाधार पहुंचे तो धूप खिल चुकी थी और जलप्रपात पर पड़ती सूरज की किरणें मन को एक अजीब-सी खुशी दे रही थीं। यही खण्डाधार जलप्रपात (Khandadahar Falls) था। कोरापानी नाला नामक बारहमासी नदी के पानी के चट्टानी सफर तय कर 244 मीटर नीचे गिरने से इस अद्भुत जलप्रपात की रचना होती है। चट्टानी सफर इसलिए कि ज्यादातर जलप्रपातों का पानी ऊंचाई से सीधे नीचे गिरता है जबकि इसका पानी चट्टानों से टकराते हुए नीचे आता है और फिर आगे के सफर पर निकल पड़ता है। मानसून के मौसम में इसकी सुन्दरता देखने लायक होती है।
खण्डाधार जलप्रपात (Khandadahar Falls) ओडिशा के सुन्दरगढ़ जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है। यह राज्य का दूसरा जबकि देश का 12वां सबसे ऊंचा जलप्रपात है। इसे ओडिशा का सबसे खूबसरत जलप्रपात भी कहा जाता है। पाउड़ी भुइयां जनजाति की आराध्य कांता देवी की पीठस्थली पर तलवार की भांति चमकती इसकी धार पर्यटकों को दूर से ही आकर्षित करती है। बणई अनुमण्डल के लहुणीपाड़ा प्रखण्ड में हरे-भरे जंगलों से घिरे इस क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी देखने को मिलते हैं जिनमें कुछ दुर्लभ श्रेणी में आते हैं।
यूं तो यहां साल भर पर्यटक आते हैं पर सर्दियों की शुरुआत में पिकनिक मनाने वालों की भीड़ रहती है। इस जलप्रपात व आसपास के मनोरम स्थलों को देखने के लिए अक्टूबर से जून तक का समय सबसे अच्छा होता है।
यहां पिकनिक के लिए आने वालों की भीड़ को देखते हुए इस क्षेत्र में कई सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं। पिकनिक स्थल पर जाने के लिए जलप्रपात से उतरने वाले कोरापानी नाला (नदी) की धारा को पार करना पड़ता है। इसके लिए पुल बनाने के अलावा नदी में उतरने के लिए सीढ़ियां भी बनायी गयी हैं। एक पार्क भी है जिसमें जंगली जीव-जन्तुओं की सीमेन्ट की जीवन्त मूर्तियां बनायी गयी हैं। पिकनिक स्थल पर प्लास्टिक के कप-बोतल, पॉलीथिन समेत गन्दगी फैलाने वाला कोई भी सामान लेकर जाने पर मनाही है। प्रपात के पास ही गेस्ट हाउस भी है जिसमें ऑडर पर पर्यटकों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था होती है।
ऐसे पहुंचें खण्डाधार जलप्रपात (How to reach Khandadahar Falls)
वायु मार्ग : राउरकेला एयरोड्रम यहां से करीब 85 किलोमीटर दूर है। निकटतम बड़ा हवाईअड्डा भुवनेश्वर का बीजू पटनायक इण्टरनेशनल एयरपोर्ट यहां से करीब 259 किलोमीटर पड़ता है।
रेल मार्ग : राउरकेला जंक्शन यहां से करीब 90 किमी है। हावड़ा, भुवनेश्वर, दिल्ली, लखनऊ, पटना, मुम्बई, नागपुर, चेन्नई, बंगलुरु, अहमदाबाद आदि से यहां के लिए ट्रेन मिलती हैं।
सड़क मार्ग :खण्डाधार जलप्रपात के लिए राउरकेला और सुन्दरगढ़ से बस और टैक्सी मिलती हैं। सुन्दरगढ़ के बणई अनुमण्डल मुख्यालय से यह 54 किलोमीटर पड़ता है। राउरकेला से लहुणीपाड़ा होकर खण्डाधार जाने के लिए पक्की सड़क है। राउरकेला और बणई से बस, कार व अन्य वाहन भाड़े पर मिलते हैं। पर्यटन विभाग की ओर से भी यहां आने वाले पर्यटकों को उचित भाड़े पर वाहन उपलब्ध कराये जाते हैं।