Corona new variant : भारत में कोरोना के मामलों पर निगरानी रखने वाले इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के डाटा से इस बात का खुलासा हुआ है। डाटा के अनुसार, भारत में कोरोना वैरिएंट केपी1 के 34 और केपी2 के 290 मामले सामने आए हैं। केपी1 और केपी2 कोरोना के जेएन1 वैरिएंट के उप-वैरिएंट हैं।
नई दिल्ली। सिंगापुर में तबाही मचाने वाले कोरोना के नये वैरिएंट (Corona new variant) केपी1 (KP1), और केपी2 (KP2) ने भारत में भी दस्तक दे दी है। बड़ी खामोशी से दबे पांव भारत पहुंचे इन वैरिएंट के संक्रमण के 324 मामलों की अभी तक पुष्टि हो चुकी है। चिंता की बात यह है कि संक्रमण के ये मामले किसी स्थान विशेष पर न मिलकर विभिन्न राज्यों में मिले हैं यानी संक्रमण के व्यापक रूप से फैलने का खतरा है। भारत में कोरोना के मामलों पर निगरानी रखने वाले इंडियन सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के डाटा से इस बात का खुलासा हुआ है। डाटा के अनुसार, भारत में कोरोना वैरिएंट केपी1 के 34 और केपी2 के 290 मामले सामने आए हैं।
डाटा के अनुसार, देश के सात राज्यों में केपी1 के मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें से सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में 23 मामले मिले हैं। गोवा में 1, गुजरात में 2, हरियाणा में 1 , महाराष्ट्र में 4, राजस्थान में 2 और उत्तराखण्ड में 1 केपी1 संक्रमित मरीज मिला है। वहीं देश में केपी2 से संक्रमित मरीजों की संख्या 290 है जिनमें से सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में 148 पाए गए हैं। दिल्ली में 1, गोवा में 12, गुजरात में 23, हरियाणा में 3, कर्नाटक में 4, मध्य प्रदेश में 1, ओडिशा में 17, राजस्थान में 21, उत्तर प्रदेश में 8, उत्तराखण्ड में 16 और पश्चिम बंगाल में 36 मरीजों का पता चला है।
मरीजों में नहीं दिख रहे गंभीर लक्षण
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार, केपी1 और केपी2 भी कोरोना के जेएन1 वैरिएंट के उप-वैरिएंट हैं। हालांकि इम वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में अभी बीमारी के गंभीर लक्षण नहीं दिखे हैं और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी कम है। ऐसे में घबराने वाली बात नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इन वैरिएंट में म्युटेशन की प्रक्रिया होती रहेगी और यह कोरोना वायरस (Corona virus) की प्रकृति भी है।
नये वैरिएंट ने सिंगापुर में बिगाड़े हालात
केपी1 और केपी2 वैरिएंट सिंगापुर में कोरोना की नई लहर (New wave of corona) का कारण बन गए हैं। सिंगापुर में 5 मई से 11 मई तक कोरोना संक्रमण के 25,900 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें से दो तिहाई मामले केपी1 और केपी2 वैरिएंट से जुड़े हैं। केपी1 और केपी2 वैरिएंट जिस ग्रुप से जुड़े हैं, उसे वैज्ञानिकों ने FLiRT नाम दिया है।
इन लोगों का ज्यादा खतरा
कोरोना वायरस खांसते और छींकते समय बूंदों के जरिए फैल सकता है। इसकी वजह से कमजोर इम्युनिटी वाले जैसे बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं इस संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो सकते हैं। इसके अलावा, पहले के किसी स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार लोगों को भी इसका खतरा ज्यादा होता है।