भारत में मार्ग दुर्घटनाओँ की मुख्य़ वजह हैं ओवर स्पीड, रोड इंजीनियरिंग का फॉल्ट और नाबालिगों के हाथ में वाहन का हैंडिंल या स्टीयरिंग थमा देना।
नई दिल्ली। (Road accidents in India) भारत मार्ग दुर्घटनाओं के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा “हॉट स्पॉट” बन गया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में रोजाना औसतन 474 लोग सड़क हादसों की वजह से जान गंवा देते हैं। यह रिपोर्ट राज्यों द्वारा केंद्र सरकार को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर आधारित है। केंद्र सरकार ने जबसे मार्ग दुर्घटनाओँ के कारणों और उनकी गंभीरता को समझने के लिए आंकड़े जमा करने शुरू किए हैं, तब से लेकर अब तक सबसे ज्यादा मौतें इसी साल (2023) हुई हैं।
भारत में मार्ग दुर्घटनाओँ की मुख्य़ वजह हैं ओवर स्पीड, रोड इंजीनियरिंग का फॉल्ट और नाबालिगों के हाथ में वाहन का हैंडिंल या स्टीयरिंग थमा देना। मार्ग दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों की संख्या के मामले में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, चीन, जर्मनी और जापान सहित कई विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है।
वर्ष 2023 में मार्ग दुर्घटनाओं में करीब 4.63 लाख लोग घायल हुए थे। यह संख्या 2022 के मुकाबले 4 प्रतिशत अधिक है। इन आंकड़ों से साफ है कि सड़क हादसों में घायल होने वालों की संख्या बढ़ रही है। सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2022 में सड़क हादसों में 1.68 लाख लोगों की मौत हुई थी। दूसरी ओर एनसीआरबी के मुताबिक 2022 में मार्ग दुर्घटनाओं में 1.71 लाख लोगों की जान गई थी। इन दोनों ही एजेंसियों ने अभी 2023 के लिए अपने अनन्तिम आंकड़े जारी नहीं किए हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पंजाब, असम और तेलंगाना समेत कम से कम 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2022 के मुकाबले 2023 में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़ी है। हालांकि आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, केरल और चंडीगढ़ में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में मामूली गिरावट आई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले साल (2023) में मार्ग दुर्घटनाओँ में मरने वाले करीब 44% लोग दोपहिया वाहन सवार थे। इनमें से 70 प्रतिशत दोपहिया वाहन सवारों ने हेलमेट नहीं पहना था। यह ट्रेंड पिछले कुछ सालों से जारी है। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अब वक्त आ गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें दोपहिया सवारों की मौतों को कम करने के लिए ठोस कदम उठाएं। शहरों और गांवों में ज्यादातर लोग आने-जाने के लिए दोपहिया वाहनों का ही इस्तेमाल करते हैं।
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लोगों की मौत
मार्ग दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा लोगों की मौत सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में हुई हैं। यहां वर्ष 2023 में सड़क हादसों में 23,652 लोगों की जान गई। इसके बाद तमिलनाडु में 18,347, महाराष्ट्र में 15,366, मध्य प्रदेश में 13,798 और कर्नाटक में 12,321 लोगों की मौत हुई। मार्ग दुर्घटनाओं में घायल होने वालों की सूची में तमिलनाडु सबसे ऊपर है। यहां 72,292 लोग घायल हुए। इसके बाद मध्य प्रदेश में 55,769 और केरल में 54,320 लोग मार्ग दुर्घटनाओँ में घायल हुएय़
नया मोटर वाहन अधिनियम लागू, मगर हादसों में कमी नहीं
देश में सितंबर 2019 से लागू हुए नए मोटर वाहन अधिनियम में चालान राशि में कई गुना इजाफा किया गया था। इसके बाद उम्मीद बंधी थी कि अब वाहन चालक संभल कर चलेंगे और सड़क हादसों में कमी आ जाएगी। हालांकि व्यवहार में ऐसा कुछ नहीं हो सका। भारत का कानून मुख्य रूप से चालान पर केन्द्रित है और वाहन चालक और वाहन स्वामी कुछ सौ या हजार रुपये जुर्माना भरकर सड़क पर खिलवाड़ फिर शुरू कर देते हैं। इसके विपरीत सड़क हादसों को लेकर विकसित देशों में भारत के मुकाबले कठोर कानून हैं। साथ ही इन देशों में वाहन से लेकर रोड इंजीनियरिंग तक सभी बातों पर गहराई से काम होता है।
भारत सहित कई देशों में मार्ग दुर्घटनाओं की स्थिति
भारत में 2020 के दौरान 432957 मार्ग दुर्घटनाएं हुई थीं। इनमें 151417 लोग मारे गए थे। चीन में 244937 हादसों में 63194 लोग मारे गए। रूसी फेडरेशन में 168099 सड़क हादसे हुए थेजिनमें 18214 लोग मारे गए। दक्षिण अफ्रीका में 146773 सड़क हादसे हुए। इनमें 14500 लोगों की मौत हो गई। इरान में हुए 337891 सड़क हादसों में 16540 लोग मारे गए। तुर्की में 186532 सड़क हादसों में 6675 लोगों की मौत हुई। अमेरिका में 1927654 सड़क हादसे हुए थे, जिनमें 36560 लोगों की मौत हुई। जर्मनी में 308721 सड़क हादसे हुए। इनमें 3275 लोग मारे गए। जापान में 430601 सड़क हादसे हुए थे, जिनमें 4166 लोगों की जान चली गई।