नई दिल्ली। गाजा यानी गजा के बाद अब इजराइल के निशाने पर लेबनान है। वजह है हिजबुल्लाह। करीब एक सप्ताह से लेबनान के आसमान से मानो आग बरस रही है। इजराइल की वायुसेना लगातार हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रही है। पेजर ब्लास्ट, सोलर प्लांट ब्लास्ट आदि से शुरू हुए इजराइली हमलों का सबसे बड़ा शिकार है हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह(Hezbollah Chief Hassan Nasrallah)। इजराइल के लड़ाकू विमानों ने हिजबुल्ला के मुख्यालय पर शुक्रवार को हवाई हमला किया था। कुछ ही देर बाद खबर आई कि हसन नसरल्लाह मारा गया। हालांकि उस समय किसी को इस पर भरोसा नहीं हो रहा था। लेकिन, शनिवार को पहले इजराइल और उसके कुछ ही घंटे बाद स्वयं हिजबुल्लाह ने अपने चीफ के मारे जाने की पुष्टि कर दी। अब लोग हसन नसरल्लाह के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने के लिए इंटरनेट पर सर्च कर रहे हैं।
सय्यद हसन नसरल्लाह (Syed Hassan Nasrallah) लेबनान की राजधानी बेरूत के उत्तरी बुर्ज हामुद में 31 अगस्त 1960 को पैदा हुआ था। पिता ने बहुत गरीबी में हसन नसरल्लाह का पालन-पोषण किया था। वह सब्जी की छोटी-सी दुकान चलाते थे ताकि बच्चों की परवरिश की जा सके। हसन नसरल्लाह 8 भाई-बहन थे।
हसन नसरल्लाह ने अपने नेतृत्व में हिजबुल्लाह को एक राजनीतिक और सैन्य संगठन के तौर पर स्थापित किया जिसने लेबनान के राजनीतिक परिदृश्य में एक अहम भूमिका निभाई। 15 साल की उम्र में नसरल्लाह ने लेबनान में अमाल आंदोलन का सदस्य बनने का फैसला लिया था। 16 साल की उम्र में वे इराक पहुंचा और वहां दो साल रहा। महज 22 साल की उम्र में नसरल्लाह ने हिजबुल्लाह में शामिल होकर संगठन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई>
साल 1992 में नसरल्लाह को हिजबुल्लाह का चीफ लीडर बनाया गया था। ईरान के समर्थन से उसने लेबनान में हिजबुल्लाह को काफी मजबूत और अत्याधुनिक हथियारों से सुसज्जित कर दिया था। हिजबुल्लाह की इजरायल से दुश्मनी कोई नई नहीं थी, बल्कि इसका गठन ही इजरायल के खिलाफ हुआ था। वह अपने ठिकाने को हमेशा बदलता रहता था ताकि दुश्मन कभी भी उसका शिकार नहीं कर सके। लेकिन इस बार इजरायली सेना की नजरों से वह खुद को बचा नहीं सका। नसरुल्लाह के 4 बेटे भी हिजबुल्लाह से ही जुड़े थे। उसका सबसे बड़ा बेटा हिजबुल्लाह का लड़ाका था और इजरायली हमले में 1997 में ही मारा गया था।
इजरायल से ऐसे ठनी
हसन नसरल्लाह 1975 में लेबनान में छिड़े गृहयुद्ध के दौरान ही एक्टिव हो गया था। वह लेबनानी क्षेत्र पर इजरायल के कब्जे के खिलाफ था। उसने तभी से इजरायल से दुश्मनी मोल ले ली थी। वह पहले शिया मिलिशिया संगठन का सदस्य था। बाद में हिजबुल्लाह में शामिल हो गया। साल 1992 में हिजबुल्लाह चीफ सैय्यद अब्बास मुसावी की हत्या के बाद नसरल्लाह इसका चीफ लीडर बन गया। लेबनान में 2018 के संसदीय चुनाव में भी हिजबुल्लाह ने बड़ी जीत हासिल की। लिहाजा लेबनान के सियासी महकमे में वह अच्छी खासी पकड़ रखता था। उसका दावा था कि उसने लेबनान में 1 लाख से ज्यादा हिजबुल्लाह लड़ाकों की फौज बना रखी थी। 7 अक्टूबर 2023 को हमास की ओर से इजरायल पर किए गए आतंकी हमले के बाद इजरायली सेना के पलटवार से वह काफी नाराज था। गाजा में इजरायली सेना के भीषण हमले के खिलाफ वह 1 साल से इजरायल से युद्ध लड़ रहा था। पिछले 1 हफ्ते से इजरायल से वह सीधी जंग में कूद गया था।