99942 अपोफिस की खोज 19 जून 2004 को रॉय टकर, डेविड थोलेन और फैब्रीज़ियो बर्नार्डी ने एरिजोना के किट पीक नेशनल ऑब्ज़र्वेटरी में की थी।
वॉशिंगटन। “तबाही का देवता” कहलाने वाला एस्टेरॉयड 99942 अपोफिस (99942 Apophis) एक बार फिर से चर्चा में हैं। नए अध्ययन से पता चलता है कि यह पृथ्वी से टकराने की तरफ बढ़ रहा है जिसने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों ने पहले इस क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की आशंका को खारिज किया था लेकिन कनाडा के खगोलविद पॉल वीगर्ट ने एक ऐसी स्थिति के बारे में पता लगाया है जो पृथ्वी के लिए बड़ा खतरा पैदा कर रही है। कनाडाई विशेषज्ञ पॉल वीगर्ट के हालिया शोध ने 99942 अपोफिस (99942 Apophis) के संभावित खतरे की चर्चाओं को फिर से हवा दे दी है। इस एस्टेरॉयड के 2029 में पृथ्वी के करीब आने का अनुमान है।नासा का ओएसआईआरआईएस-एपोफिस एक्सप्लोरर (ओएसआईआरआईएस-एपेक्स) अंतरिक्ष यान भी 99942 अपोफिस (99942 Apophis) पर करीब से नज़र रखेगा। यह वही अंतरिक्ष यान है जिसने 2020 में क्षुद्रग्रह बेन्नू का अध्ययन किया था।
99942 अपोफिस (99942 Apophis) करीब 1100 फीट व्यास (335 मीटर) यानी करीब-करीब एफिल टॉवर के आकार का एस्टेरॉयड है। किट पीक नेशनल ऑब्जर्वेटरी के खगोलविदों ने इसे पहली बार 2004 में खोजा था। शुरुआत में इसे पृथ्वी के करीब सबसे खतरनाक निकटवर्ती पिंडों में से एक माना गया था। इसके 13 अप्रैल 2029 को पृथ्वी के बेहद करीब पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। इसने संभावित टकराव की आशंका को बढ़ा दिया है। द प्लैनेटरी साइंस जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि 99942 अपोफिस से टकराने वाली एक छोटी वस्तु भी नाटकीय रूप से इसकी दिशा बदल सकती है।
एक टक्कर बदल सकती है रास्ता
पॉल वीगर्ट ने अध्ययन में 99942 अपोफिस से टकराने वाले किसी अन्य क्षुद्रग्रह की संभावनाओं की जांच की। अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार, 3.4 मीटर की एक छोटी वस्तु अगर 510 मीटर प्रति सेकंड से 99942 अपोफिस से टकराती है तो यह इस एस्टेरॉयड की पृथ्वी से टक्कर का कारण बन सकती है। हालांकि, उन्होंने बताया कि ऐसी घटना होने और क्षुद्रग्रह के पृथ्वी की ओर जाने के मार्ग को बदलने की संभावना लगभग दो अरब में एक है। वीगर्ट ने अपने अध्ययन में आगे बताया है कि इस टक्कर से एस्टेरॉयड अपना रास्ता बदल सकता ह, लेकिन इसके पृथ्वी की ओर मुड़ने की संभावना 5 प्रतिशत है।
अध्ययन के मुताबिक, बाद में क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की संभावना दस लाख में एक से भी कम है लेकिन वीगर्ट ने कहा कि प्रभाव का जोखिम बना हुआ है। वीगर्ट इसकी एक प्रमुख वजह बताते हुए कहते हैं कि मई 2021 से अपोफिस पर दूरबीनों के जरिए बड़े पैमाने पर निगरानी नहीं रखी गई है। पृथ्वी और सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थिति के चलते 2027 तक ऐसा ही रहेगा। वैज्ञानिक इसके टकराव की संभावना बहुत कम बता रहे हैं लेकिन यह हाल के इतिहास में पृथ्वी के इतने करीब से गुजरने वाले सबसे बड़े एस्टेरॉयड में से एक बना हुआ है।
खगोलविद (astronomer) 99942 अपोफिस (99942 Apophis) की घूर्णन दर और जिस अक्ष पर यह घूमता है के बारे में बेहतर समझ विकसित करने के लिए भी काम कर रहे हैं। यह ज्ञान उन्हें यह निर्धारित करने में सक्षम करेगा कि 2029 में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र का सामना करने पर 99942 अपोफिस (99942 Apophis) पृथ्वी के साथ किस दिशा में होगा, जो उस घूर्णन अवस्था को बदल सकता है और यहां तक कि यह क्षुद्रग्रह भूकंप का कारण भी बन सकता है।
किसने की अपोफिस की खोज?
अपोफिस की खोज 19 जून 2004 को रॉय टकर, डेविड थोलेन और फैब्रीज़ियो बर्नार्डी ने एरिजोना के किट पीक नेशनल ऑब्ज़र्वेटरी में की थी। इसका नामकरण मिस्र की पौराणिक कथाओं में वर्णित एक सांप के नाम पर किया गया है। अपोफिस देवता रा (सूर्य) का दुश्मन था। हर रात अपोफिस दुनिया पर अनंत अंधकार लाने की कोशिश करता था लेकिन अपने उदय के समय रा उसे हरा देता था।